इंदौर।
श्रमिक विरोधी चार कानून के विरोध में सेंट्रल ट्रेड यूनियन संयुक्त मोर्चा, मध्य प्रदेश के आह्वान पर बुधवार इंदौर स्थित श्रमायुक्त कार्यालय के समक्ष एकदिवसीय धरना प्रदर्शन आयोजित किया गया। धरना प्रदर्शन में विभिन्न केंद्रीय ट्रेड यूनियनों से संबद्ध सैकड़ों श्रमिकों, कर्मचारियों एवं यूनियन प्रतिनिधियों ने सहभागिता की।धरना को संबोधित करते हुए हिन्द मजदूर सभा, मध्य प्रदेश के अध्यक्ष नेम सिंह ने केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए चार कानून को श्रमिक अधिकारों पर सीधा हमला बताया और इन्हें तत्काल वापस लेने की मांग की।
उन्होंने कहा कि ये कानून मजदूरों की दशकों की संघर्ष से प्राप्त उपलब्धियों को समाप्त करने का प्रयास हैं। इनके लागू होने से स्थायी रोजगार की अवधारणा कमजोर होगी, ठेका प्रथा को बढ़ावा मिलेगा तथा न्यूनतम वेतन, सामाजिक सुरक्षा, काम के घंटे, यूनियन बनाने और हड़ताल करने के अधिकार पर गंभीर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। इसके पश्चात धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए एचएमएस यूनियन, भेल भोपाल के कार्यवाहक अध्यक्ष मनोज कुमार दीक्षित ने कहा कि नए कानून मालिकों और कॉर्पोरेट घरानों के हितों की रक्षा करते हैं, जबकि श्रमिकों को असुरक्षा, शोषण और अनिश्चितता की ओर धकेलते हैं।
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उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने बिना व्यापक चर्चा और श्रमिक संगठनों की सहमति के इन कानूनों को पारित किया है, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया के विरुद्ध है। धरना उपरांत सेंट्रल ट्रेड यूनियन संयुक्त मोर्चा के एक प्रतिनिधिमंडल ने श्रमायुक्त, इंदौर को एक ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल ने श्रमायुक्त से अनुरोध किया कि श्रमिकों की भावनाओं एवं मांगों से राज्य एवं केंद्र सरकार को अवगत कराया जाए। श्रमायुक्त कार्यालय द्वारा ज्ञापन प्राप्त कर उसे उचित स्तर पर प्रेषित करने का आश्वासन दिया गया।इस धरना प्रदर्शन में एचएमएस यूनियन भेल भोपाल के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह, कार्यवाहक अध्यक्ष मनोज दीक्षित तथा सचिव एवं मीडिया प्रभारी योगेश जाटव भी विशेष रूप से उपस्थित रहे।
