भोपाल
भेल में थ्रिफ्ट सोसायटी चुनाव तो रविवार को ही हो गये लेकिन अध्यक्ष,उपाध्यक्ष और सचिव के चुनाव मंगलवार को संपन्न हुये । यूं तो इसी दिन एक और उपाध्यक्ष को चुनना था लेकिन ऐसा नहीं हो सका । अध्यक्ष पद को लेकर काफी घमासान के चलते एक महिला नेत्री सचिव भी बन गई लेकिन अध्यक्ष भी उसी पैनल का बनाने में एक नेता सफल हो गये। वह इसे एक भाजपा विधायक की जीत बताते हुये काफी खुश नजर आ रहे हैं क्योंकि इस पैनल को सफल बनाने में जहां एक कांग्रेस नेता का बड़ा हाथ रहा वहां वह एक कांग्रेस समर्थित राष्ट्रीय यूनियन के बड़े पदाधिकारी भी हैं ।
ऐसे में राजनीति क्या-क्या गुल खिला रही है यह सबके समझ में आ रहा है । इससे कांग्रेस व इस यूनियन को नुकसान पहुंचना तो लाजमी है साथ ही आम आदमी को संदेश भी गलत जा रहा है इसे बताने की जरूरत नहीं है। खैर जीत-हार जो भी रही हो लेकिन बुधवार को एक पदाधिकारी के जीत का जश्न मनाने कारखाने के ब्लॉक नंबर 1 में जोरदार तैयारी की गई भले ही इस ब्लॉक के यूनियन कार्यालय मेें ताला जड़ा हो लेकिन उनके समर्थक वहीं पर नेता की जीत को जश्न मनाने की तैयारी कर डाली यहां पर हार फूल की मालाओं के साथ गुलदस्ते भी सजा कर रख दिये ।
एक प्रबंधन के दलाल को यह बात नागवार गुजरी उसने आनन-फानन में मानव संसाधन विभाग को यह जानकारी दे डाली की सर उत्पादन के पीक पीरियेड में बड़ी संख्या में नेताजी के समर्थक स्वागत के बाद पूरे कारखाने में घूमने का मन बना रहे हैं फिर क्या था सीआईएसएफ व एचआर विभाग का दल-बल ब्लॉक नंबर 1 में जा धमका बेचारे नेता तो वहां पहुंच भी नहीं पाये उसके पहले ही हार फूल माला छोड़कर उनके स्वागतकर्ता भाग खड़े हुये।
जैसे ही यह खबर नेताजी के पास पहुंची तो वह भी वहां नहीं पहुंचे । यह खबर पूरे कारखाने में आग की तरह फैल गई है । इसको लेकर कारखाने में दिन भर चर्चाए चलती रही । अब भेल के बड़े साहब की सख्ती का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वह अपना कितना ही चहेता हो लेकिन उत्पादन के पीक पीरियेड में किसी को भी बख्शना नहीं चाहते यही कारण है कि एचआर विभाग को खबर मिलने के बाद अपनी डियूटी ईमानदारी से निभानी पड़ी।