भोपाल
स्थानीय प्रबंधन ने भले ही अपर महाप्रबंधक राजीव सरना को वक्र्स इंजीनियरिंग विभाग का डीआरओ बना दिया हो और वह डायरेक्ट ईडी को रिपोर्ट करते हों लेकिन इस बार वह महाप्रबंधक नहीं बन पायेंगे जबकि यह अटकले लगाई जा रही थी कि वह न केवल महाप्रबंधक बनेंगे बल्कि उन्हें इस विभाग का मुखिया भी बनाया जायेगा । लेकिन जैसे ही साक्षात्कार से उनका पत्ता कटा तो लोग दांतों तले उंगली दबाने लगे। दरअसल एक तो वह 2013 बेच के अपर महाप्रबंधक हैं और अनुभव की कमी न होने के कारण ही उन्हें वक्र्स इंजीनियरिंग विभाग का डीआरओ बनाया था ताकि उन्हें प्रमोशन मिल सके लेकिन ऐसा हुआ नहीं जबकि उनके जूनियर अपर महाप्रबंधक से महाप्रबंधक पद पर प्रमोशन पाने की कतार में खड़े हैं ऐसे में उनका नाम न आना किसी के गले नहीं उतर रहा है । अब यह कहा जा रहा है कि वह 2024 में भेल को अलविदा कहेंगे तब उनके पास मात्र देढ़ साल का कार्य काल ही बचेगा । खैर देखना यह है कि वह अगले साक्षात्कार के बाद महाप्रबंधक बनते है कि नहीं ।