भेल भोपाल।
विश्राम घाट सुभाष नगर पर भागवत कथा के तीसरे दिन कथा वाचक पं जितेन्द्र भार्गव के मुखारविंद से राजा परीक्षित भागवत द्वारामन मनुष्य की जिंदगी का सबसे महत्वपूर्ण कारक है, यही पुण्य और पाप का धरातल है, मन की पृष्ठभूमि पर ही सर्वप्रथम अच्छे या बुरे विचार अदभुत होते हैं, ये ही विचार क्रियात्मक बनकर अच्छे-बुरे कार्य करवाते हैं।
इसीलिए हमारी गति-प्रगति-दुर्गति सब मन में हैं, मन की वजह से हैं, मन को साफ-सुथरा रखना ही साधना है, अच्छे विचारों और शुभ कार्यों में इसे जोडक़र हम जीवन की उन्नति का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं। संस्कार सेवा समिति द्वारा आयोजित कथा में पं जितेंद्र भार्गव जी बताया गया कि श्रीमद् भागवत साक्षात भगवान का स्वरूप है इसीलिए श्रद्धापूर्वक इसकी पूजा-अर्चना की जाती है, इसके पठन एवं श्रवण से भोग और मोक्ष दोनों सुलभ हो जाते हैं।
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मन की शुद्धि के लिए इससे बड़ा कोई साधन नहीं है। कथा में भोपाल की महापौर मालती राय प्रमुख रुप से उपस्थित रहीं जिसमें सोमराज सुखवानी समाज सेवक अभिषेक तिवारी, बृजेश जोशी, अशोक चतुर्वेदी, डॉ महेश गुप्ता, डॉ दीपक मेहता, विशेष रूप से उपस्थित रहे।
