BHOPAL 90 DEGREE BRIDGE TRENDING: पुराने भोपाल में बना ऐशबाग ओवर ब्रिज अपनी बनावट के चलते पूरे देश में मशहूर हो गया है. इस ब्रिज के डिज़ाइन को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों ने खूब ट्रोल किया है. अब ये 90 डिग्री वाला ब्रिज गूगल लोकेशन पर भी ट्रेंडिंग हो गया है. गूगल में 90 डिग्री का लोकेशन डालने पर सीधे ऐशबाग ओवर ब्रिज पर ले जाता है. गूगल लोकेशन पर कोई इसे मध्य प्रदेश की बेस्ट ड्रिफ्टिंग बता रहा है, तो कोई लिख रहा है कि ‘एमपी अजब है, सबसे अलग’. हालांकि, इसी बीच कुछ लोग इस पुल पर सुचारू यातायात सुनिश्चित करने के लिए एक्सपर्ट राय भी दे रहे हैं.
ये तो गजब का पुल है 360 डिग्री का भी बनाओ
90 डिग्री वाले ब्रिज की गूगल लोकेशन पर एक यूजर ने लिखा, अरे भाई, ये तो गजब का पुल है. एक 360 डिग्री का पुल भी बनाओ. दुनिया का आठवां अजूबा और स्पीड लिमिट 100 किलोमीटर प्रति घंटा रखो. दूसरे यूजर ने लिखा, वाकई बहुत शानदार कदम है, ट्रैफिक कम करने का गजब का तरीका है. बस लोग मर जाएं.एक और ने लिखा, “बढ़ती आबादी कम करने के लिए यह पुल बहुत जरूरी है, अच्छी पहल.ये टिप्पणियां साफ दिखाती हैं कि लोग इस पुल के डिज़ाइन से कितने हैरान और परेशान हैं.
एमपी अजब है सबसे अलग है
90 डिग्री वाले ब्रिज की गूगल लोकेशन पर एक यूजर ने लिखा, यह पुल कमर्शियल टैगलाइन साबित करता है. एमपी अजब है, सबसे अलग है.एक अन्य यूजर ने लिखा, आपको एमपी में सबसे बेहतरीन ड्रिफ्टिंग स्पॉट मिला. इसे बनाने वालों को सलाम. कार प्रेमियों को एक बहती हुई जगह दी. बहुत पसंद आया.एक और यूजर ने लिखा – यह मध्य प्रदेश का सबसे बेहतरीन फ्लोइंग एरिया है. ये टिप्पणियां दर्शाती हैं कि लोग इस अनोखे डिज़ाइन को लेकर कितने रचनात्मक और व्यंग्यात्मक हो गए हैं.
यूजर ने बताया सुरक्षित यातायात का तरीका
भले ही लोग सोशल मीडिया पर इस ब्रिज का मज़ाक उड़ा रहे हों, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इसके निर्माण के बाद इस पर सुरक्षित यातायात संचालन के लिए अपनी राय भी दे रहे हैं. ऐसे ही एक यूजर ने लिखा है कि पुल असल में 120 डिग्री का है, 90 डिग्री का नहीं, जैसा कि सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाई जा रही हैं. दरअसल, इस पर आसानी से टर्न लिया जा सकता है, बशर्ते ट्रैफिक को एक तरफ ही संचालित किया जाए. यह सुझाव शायद प्रशासन के लिए मददगार साबित हो.
अब फिर से डिज़ाइन होगा ब्रिज, PWD वहन करेगा खर्च
ऐशबाग क्षेत्र में 90 डिग्री के मोड़ के साथ बना ROB फुटपाथ, जो पूरे देश में अपने डिज़ाइन को लेकर सुर्खियों में आया है, उसे तोड़ा जाएगा और फिर से डिज़ाइन किया जाएगा. इससे पुल में करीब 3 फीट ज्यादा मोड़ मिलेगा. रेलवे ने पुल को तीन फीट चौड़ा करने पर सहमति जताई है. सुधार में इस्तेमाल होने वाले पैसे का खर्च निर्माण एजेंसी को वहन करना होगा. पुल पर इलेक्ट्रिक सिग्नल, स्पीड ब्रेकर, रेलिंग, रोड साइन लगाए जाएंगे. इस पर केवल दोपहिया वाहनों को ही अनुमति देने पर भी विचार किया जा रहा है.
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पूरे देश में ट्रोल होने के बाद सरकार ने कराई जांच
सरकार ने हाल ही में अनोखी इंजीनियरिंग से बने इस फ्लाईओवर की जांच कराई थी. जांच में सामने आया था कि ड्राइंग डिज़ाइन और निर्माण पर सामूहिक सहमति थी. इसके निर्माण को प्रशासनिक मंजूरी साल 2018 में मिली थी, लेकिन सरकार इससे सहमत नहीं हुई थी, जिसके कारण निर्माण 2022 में शुरू हुआ. रेलवे ने ड्राइंग के लिए अनुमति दी थी. पुल का निर्माण लोक निर्माण विभाग (PWD) और स्थानीय जन प्रतिनिधियों की सहमति से किया गया था. यह घटना सरकारी परियोजनाओं में पारदर्शिता और बेहतर योजना की आवश्यकता को उजागर करती है.