पटना
हाईकोर्ट के वकीलों ने बीपीएससी अभ्यर्थियों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में उन्हें मुफ़्त कानूनी मदद देने का ऐलान किया है। अभ्यर्थी कई दिनों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे। लेकिन उनकी मांगों को अनसुना किया जा रहा था। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया, जिसकी वकीलों और विपक्षी दलों ने कड़ी निंदा की है। वकीलों का कहना है कि बीपीएससी परीक्षाओं में पिछले एक दशक से गड़बड़ियों का इतिहास रहा है, जिसके कारण हर बार हाईकोर्ट में केस दायर होते रहे हैं।
BPSC अभ्यर्थियों के समर्थन में हाईकोर्ट के वकील
पटना में मंगलवार को बीपीएससी अभ्यर्थियों के प्रदर्शन पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज की घटना के बाद, हाईकोर्ट के वकील अभ्यर्थियों के समर्थन में आगे आए हैं। एक अखबार के अनुसार वरिष्ठ अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा के नेतृत्व में वकीलों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर घोषणा की कि वे अभ्यर्थियों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि लीगल सहयोग के लिए किसी भी अभ्यर्थी से एक पैसा फीस नहीं ली जाएगी।
वकीलों ने लाठीचार्ज को कहा पुलिस बर्बरता
वकीलों ने पुलिस की कार्रवाई की कड़ी निंदा की और इसे पुलिसिया बर्बरता कहा। वकीलों ने सवाल उठाए कि जब जब वाटर कैनन का इस्तेमाल कर ही दिया गया था, तो फिर लाठीचार्ज की क्या जरूरत थी? उन्होंने यह भी कहा कि जो पुलिसकर्मी छात्रों पर लाठी बरसा रहे थे, वे भी कभी छात्र रहे होंगे। उन्हें अपने दिन याद आने चाहिए थे।
अभ्यर्थियों का बड़ा आरोप
अभ्यर्थियों का आरोप है कि हर परीक्षा में कोई न कोई गड़बड़ी जरूर होती है। उनका यह भी दावा है कि आज तक ऐसा कभी नहीं हुआ है कि बीपीएससी परीक्षा के बाद हाईकोर्ट में केस दायर नहीं किया गया हो, और कोर्ट ने हस्तक्षेप नहीं किया हो। हालांकि, सरकार परीक्षा में गड़बड़ी से इनकार करती रही है। उधर इस घटना के विरोध में कांग्रेस और वाम दल के विधायकों ने राजभवन मार्च किया। हालांकि, इस मार्च में आरजेडी के विधायक शामिल नहीं थे।