मुंबई,
केंद्र सरकार ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता और उपप्रधानमंत्री रह चुके लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न दिए जाने का ऐलान किया था. मोदी सरकार की इस घोषणा पर वरिष्ठ पत्रकार निखिल वागले ने आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. वागले ने आडवाणी को भारत रत्न दिए जाने की आलोचना की थी, जिसके एक दिन बाद शुक्रवार को उन पर हमला किया गया.इस मामले पर निखिल के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है. बीजेपी नेता सुनील देवधर की शिकयात पर पुणे पुलिस ने निखिल के खिलाफ मामला दर्ज किया है. उन पर आईपीसी की धारा 153ए सहित कई धाराओं में मामला दर्ज हुआ है.
बीजेपी कार्यकर्ताओं ने किया वागले की कार पर हमला
निखिल वागले ने पुणे के राष्ट्रसेवा दल ऑडिटोरियम में ‘निर्भय बनो कार्यक्रम’ का आयोजन किया था. बीजेपी कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के खिलाफ निखिल की आपत्तिजनक बयान की वजह से उनकी पुणे यात्रा का विरोध किया था. निखिल के विरोध में बीजेपी कार्यकर्ता कार्यक्रम स्थल के बाहर इकट्ठा हो गए और उनके खिलाफ नारेबाजी की. इस बीच जैसे ही निखिल वागले की कार वहां पहुंची तो कार्यकर्ताओं ने उनकी कार पर हमला कर दिया. उनकी कार के शीशे तोड़ दिए गए और कार पर स्याही फेंक दी गई.
इस घटना के बाद महाविकास अघाड़ी के कार्यकर्ताओं ने बीजेपी कार्यकर्ताओं का विरोध करना चाहा. इस गहमागहमी के बीच पुलिस ने दोनों पक्षों को शांत कराने की कोशिश की. पुलिस ने कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया. हालांकि, इस हमले में वागले को किसी तरह की चोट नहीं पहुंची.वागले ने कार्यक्रम में पहुंचकर कहा कि उन्होंने उन पर हमला करने वाले प्रदर्शनकारियों को माफ कर दिया है. वागले ने कहा कि हम जब तक जिंदा है, हम संघर्ष करेंगे.
निखिल वागले पर हमले का हो रहा विरोध
पत्रकार निखिल वागले पर हुए हमले की एनसीपी के अध्यक्ष अजित पवार ने आलोचना की है. उन्होंने कहा कि ये महाराष्ट्र की संस्कृति नही है. मैं पुणे पुलिस आयुक्त से इस बारे में बात करूंगा, जिन्होने ये सब किया है उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.वहीं, शरद गुट की नेता सुप्रिया सुले ने निखिल वागले पर हमले की कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा कि निखिल वागले पर हमले की कड़ी निंदा करती हूं. वह सच्चाई की मुखर आवाज और पत्रकारिता के पुरोधा हैं. यह किसी एक शख्स पर हमला नहीं है बल्कि अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला है. बीजेपी की सरकार में महाराष्ट्र में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बिगड़ रही है.