17.4 C
London
Thursday, July 10, 2025
Homeराज्यमहाराष्ट्र में किसानों की कर्जमाफी पर ग्रहण, करना होगा इन्तजार...कृषि मंत्री माणिकराव...

महाराष्ट्र में किसानों की कर्जमाफी पर ग्रहण, करना होगा इन्तजार…कृषि मंत्री माणिकराव ने बताई वजह?

Published on

मुंबई

महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में महायुति की महाजीत के पीछे मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना (लाडकी बहीण योजना) को एक बड़ा फैक्टर माना गया था। महाराष्ट्र में महायुति की सरकार बनने के बाद राज्य के कृषि मंत्री माणिकरा कोकाटे ने स्वीकार किया है कि लाडली बहन योजना ने राज्य के खजाने पर दबाब डाला है। कोकाटे ने कहा इसके चलते किसानों की कर्ज माफी में देरी हो सकती है। कोकाटे ने कहा कि लाभार्थियों को इस योजना और ‘नमो महासम्मान योजना’ के बीच चयन करना पड़ सकता है। सरकार लाभार्थियों की समीक्षा कर रही है ताकि उन लोगों को बाहर रखा जा सके जो अब पात्रता मानदंडों को पूरा नहीं करते हैं।

कोकाटे बोले, नई योजना में देरी होगी
एक संवाददाता सम्मेलन में राज्य की वित्तीय स्थिति के बारे में पूछे जाने पर कोकाटे ने कहा यह न तो अच्छा है और न ही बुरा है। हमारी महिलाओं और बहनों के कारण राजकोष पर थोड़ा दबाव है। उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप, किसानों के लिए ऋण माफी के महायुति के चुनाव पूर्व वादे में थोड़ी देरी होगी। कोकटे ने कहा कि इसमें थोड़ी देरी हो सकती है लेकिन जैसे ही संसाधन बढ़ेंगे, इसे दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकार ने बिजली बिल माफी के रूप में किसानों को 15,000 करोड़ रुपये प्रदान किए हैं।

दो योजनाएं संभव नहीं है
यह पूछे जाने पर कि क्या लाडली बहन योजना के लाभार्थियों को नमो महासम्मान योजना के तहत मिलने वाले लाभों को छोड़ना होगा, कोकाटे ने कहा कि महिलाओं को अंततः दोनों योजनाओं के बीच फैसला करना होगा। लड़की बहन योजना महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद रही है और उन्हें वित्तीय स्वतंत्रता दी है लेकिन आखिरकार दो सरकारी योजनाओं का लाभ लेना संभव नहीं है। महिलाओं को अंततः दो योजनाओं के बीच फैसला करना होगा। कोकाटे ने यह भी स्वीकार किया कि सरकार को चुनावों के लिए महिलाओं की ज़रूरत थी।

कोकाटे बोले-बढ़नी चाहिए मजदूरी
यह पूछे जाने पर कि क्या लड़की बहन योजना के परिणामस्वरूप मजदूरों की मजदूरी बढ़ी है, उन्होंने कहा कि मजदूरी किसी भी मामले में बढ़नी चाहिए। क्या इसका मतलब यह है कि पुरुषों को केवल महिलाओं पर निर्भर रहना चाहिए और काम नहीं करना चाहिए? हमें चुनाव के लिए महिलाओं की जरूरत थी। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि पुरुषों को काम नहीं करना चाहिए। राज्य सरकार इस योजना के लाभार्थियों की जांच करने की प्रक्रिया में है ताकि उन लोगों को हटाया जा सके जो इसके मापदंडों में फिट नहीं बैठते हैं।

क्या है अब आगे तैयारी?
उदाहरण के लिए जिनके परिवार की आय अब 2.5 लाख रुपये प्रति वर्ष नहीं है या जिनके परिवार के पास चार पहिया वाहन है, वे अब इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगे। एनसीपी (शरद पवार समूह) के नेता जयंत पाटिल ने कहा कि राज्य सरकार को योजना के मापदंडों में बदलाव नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि महिलाओं ने इस सरकार को इस योजना के आधार पर वोट दिया है। अगर सरकार अपने मापदंडों में बदलाव करती है, तो वे परेशान हो जाएंगी। शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने कहा कि लाडली बहन योजना लांच करके समय क्या सरकार को पता नहीं था कि कुछ विसंगतियां थीं? उन्होंने किस्त क्यों दी और अब जब चुनाव खत्म हो गए हैं, तो वे पैसे वापस लेना चाहते हैं। राज्य भारी घाटे का सामना कर रहा है। शिक्षकों और सरकार के वेतन के लिए पर्याप्त पैसा नहीं है।

Latest articles

Daily Horoscope: इन 5 राशियों के लिए अशुभ हो सकता है दिन जानें ग्रह-नक्षत्रों का खेल और बचने के उपाय

Daily Horoscope:10 जुलाई 2025 को पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, पूर्णिमा तिथि के साथ इंद्र योग रात...

जूनियर एग्जिक्यूटिव क्लब बीएचईएल में पदोन्न्त अफसरों का करेगा सम्मान

भेल भोपालजूनियर एग्जिक्यूटिव क्लब बीएचईएल में पदोन्न्त अफसरों का करेगा सम्मान जूनियर एग्जिक्यूटिव क्लब...

बीएचईएल हरिद्वार के जीएम एचआर गुप्ता ने किया कार्यभार ग्रहण

हरिद्वार।बीएचईएल हरिद्वार के जीएम एचआर गुप्ता ने किया कार्यभार ग्रहण,भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड बीएचईएल...

एजीएम प्रशांत पाठक बने भेल टाउनशिप के मुखिया

भेल भोपालएजीएम प्रशांत पाठक बने भेल टाउनशिप के मुखिया,भेल के अपर महाप्रबंधक प्रशांत पाठक...

More like this