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Wednesday, July 16, 2025
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विदेश में बैठे जालसाजो को बेच दिए वर्चुअल सिम, एयरटेल के 2 मैनेजर की करतूत सुन हिल जाएंगे

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गुरुग्राम:

पार्ट टाइम जॉब और निवेश के नाम पर लोगों को को ठगा जा रहा है। विदेश में बैठे जालसाजों की मदद कभी बैंककर्मी कर रहे हैं तो कभी टेलिकॉम कंपनी के कर्मचारी। गुरुग्राम पुलिस ने ऐसे मामले में कार्रवाई की है। इंडोनेशिया और चीन में बैठे ठगों को वर्चुअल सिम नंबर उपलब्ध कराने के आरोप में एयरटेल के सीनियर मैनेजर और साइट वेरिफिकेशन मैनेजर को गिरफ्तार किया है। उपलब्ध कराए गए नंबरों से कंपनी को हर महीने 8 से 10 लाख रुपये बिल के रूप में मिलते थे। कार्रवाई साइबर क्राइम थाना ईस्ट पुलिस और इंडियन साइबर कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) एमएचए ने संयुक्त रूप से की। पुलिस ने ठगी को अंजाम देने में इस्तेमाल दो मोबाइल बरामद किए हैं।

साइबर क्राइम थाना ईस्ट पुलिस को शिकायतकर्ता ने बताया था कि उनके पास एक नंबर से कॉल आई थी। कॉल करने वाले ने पार्ट टाइम जॉब का ऑफर दिया। अलग-अलग होटल के रिव्यू डालकर पैसा कमाने की बात कही गई थी। टास्क पूरा करते ही उसके बैंक अकाउंट में 200 रुपये ट्रांसफर कर दिए गए। उसके सबाद आरोपियों ने टेलिग्राम ग्रुप में जोड़ा। टास्क देते हुए दो-तीन बार छोटे-छोटे अमाउंट खाते में ट्रांसफर किए गए। इसके बाद उनसे मोटी रकम निवेश के नाम पर लेकर ठगी की गई।

एयरटेल कंपनी के दो कर्मचारियों को काबू
एसीपी साइबर क्राइम प्रियांशु दिवान के निर्देश पर साइबर क्राइम थाना पुलिस टीम ने इंडियन साइबर कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C), एमएचए के साथ गुरुवार को एयरटेल कंपनी के दो कर्मचारियों को काबू किया। आरोपी नीरज वालिया बागपत, उत्तरप्रदेश और हेमंत शर्मा हैं। आरोपी नीरज कंपनी में साइट वेरिफिकेशन का काम करता है। हेमंत सीनियर मैनेजर है।

साइट पर नहीं थी कंपनी
पुलिस की मानें तो आरोपियों ने वारदात में इस्तेमाल किए गए लैंडलाइन नंबर/डीआईडी नंबर ईकमदर्श सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के नाम जारी किए थे। आरोपियों की ओर से बताई गई साइट पर कंपनी नहीं थी। इसके बावजूद टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के नियमों की अवहेलना कर कंपनी के नाम लैंडलाइन नंबर जारी कर दिया गया। इसी नंबर का इस्तेमाल ठगी में किया गया। पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपियों ने फर्जी एड्रेस पर रजिस्टर्ड कंपनी ईकमदर्श सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के ऑपरेशनल मैनेजर के साथ मिलीभगत करके नंबर के अलावा और भी कई नंबर इंडोनेशिया के व्यक्ति को उपलब्ध कराए थे। सामने आ रहा है कि आरोपी अब तक हजारों नंबर फर्जीवाड़ा कर जालसाजों को दे चुके हैं।

जांच में हुआ खुलासा
जांच में कई ऐसे नंबरों का खुलासा हो सकता है, जिन्हें गलत तरीके से जारी किया गया। पुलिस को आरोपियों के वट्सऐप ग्रुप में और भी कंपनियों के लिए नंबर व क्लाउड बेस्ड सर्विस के कनेक्शन जारी करने के साक्ष्य मिले हैं, जिन्हें लेकर पुलिस टीमें जांच में जुट गई हैं। पूछताछ के लिए आरोपियों को पुलिस रिमांड पर लिया गया है।

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