साउथ के फेमस एक्टर प्रकाश राज ने हाल ही में एक इंटरव्यू में केंद्र सरकार से सवाल पूछने और सामाजिक मुद्दों पर अपनी बेबाक राय रखने को लेकर चर्चा की। उन्होंने कहा कि वह सरकार की नीतियों और निर्णयों पर सवाल उठाना अपना अधिकार मानते हैं, क्योंकि लोकतंत्र में नागरिकों को सत्ता से जवाब मांगने का हक है। प्रकाश राज ने कहा कि उनकी आलोचना किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ नहीं, बल्कि समाज में बढ़ रही असमानता और धार्मिक उन्माद के खिलाफ है। प्रकाश राज ने मंदिर-मस्जिद जैसे विवादों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर गहराई में जाएं, तो वहां बुद्ध की शिक्षाएं मिलेंगी, जो शांति और करुणा की बात करती हैं।
उन्होंने लल्लटॉप के साथ इंटरव्यू में कहा, ‘नेहरू के बारे में पूछते हैं, जब वो मरे तब मैं पैदा भी नहीं हुआ था। क्या करूं मैं? वहां जाऊं, कहां तक खोद कर जाऊंगा। औरंगजेब… जाएंगे? आज एक मस्जिद को खोदो तो मंदिर मिलेगा। मंदिर को खोदो तो बुद्ध मिल सकते हैं। कहां तक खोद कर जाएंगे भाई। टीपू सुल्तान से मेरा क्या लेना देना, औरंगजेब से मेरा क्या लेना देना। हां शायद, मैं सोया, देर से उठा, यह एक समस्या है? मेरे सवाल से समस्या है कि मैं सवाल कर रहा हूं यह समस्या है आपको।’
देश के मुद्दे पर की बात
प्रकाश राज ने अपने बयान में मोदी सरकार को घेरा और धार्मिक स्थलों को लेकर चल रहे विवादों पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि समाज को धार्मिक उन्माद में उलझाने के बजाय शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए। उनके मुताबिक, मंदिर-मस्जिद जैसे विवाद केवल लोगों को बांटने का काम करते हैं, जबकि जरूरत है एकजुट होकर देश की वास्तविक समस्याओं पर काम करने की। उन्होंने यह भी कहा कि वह किसी भी सरकार के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन अगर कोई गलत नीति बनाई जाती है, तो उसका विरोध करना हर नागरिक का कर्तव्य है।
प्रकाश राज ने पूछा सवाल
प्रकाश राज ने यह भी स्पष्ट किया कि वह अपनी बात रखने से कभी पीछे नहीं हटेंगे, चाहे इसके लिए उन्हें कितनी भी आलोचना क्यों न झेलनी पड़े। उन्होंने कहा कि एक कलाकार के तौर पर उनकी जिम्मेदारी है कि वह समाज को आईना दिखाए और लोगों को सोचने के लिए प्रेरित करे। उनके मुताबिक, सवाल पूछना और सच बोलना ही लोकतंत्र की असली ताकत है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे किसी भी मुद्दे पर आंख मूंदकर विश्वास न करें, बल्कि तथ्यों को परखें और सही-गलत का फैसला खुद करें।
लोगों से की ये अपील
अंत में, प्रकाश राज ने देशवासियों से एकजुट होने की अपील की। उन्होंने कहा कि हमें धर्म, जाति और क्षेत्र के नाम पर बंटने के बजाय उन मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए, जो हमारे देश को मजबूत बनाते हैं। उन्होंने सरकार से भी मांग की कि वह ऐसी नीतियां बनाए, जो समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चले। प्रकाश राज के इन बयानों ने एक बार फिर सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है, जहां कुछ लोग उनके विचारों का समर्थन कर रहे हैं, तो कुछ उनकी आलोचना कर रहे हैं।