कॉमेडियन समय रैना के यूट्यूब के शो ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ के उस एपिसोड को लेकर जमकर बवाल मचा, जिसमें मेहमान बनकर आए सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर रणवीर अल्लाहबादिया ने एक कंटेस्टेंट से पैरेंट्स को लेकर भद्दा मजाक किया। पूरे देश में सनसनी मच गई। FIR दर्ज हो गईं। समय रैना ने यूट्यूब से अपने शो के सारे एपिसोड डिलीट कर दिए। रणवीर अब तक दो बार माफी मांग चुके हैं। इन सबके बीच अब सरकार भी सख्त हो गई है। ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और सोशल मीडिया पर कॉन्टेंट को लेकर कड़े निर्देश दिए गए हैं।
केंद्र ने कानून के दायरे से बाहर अश्लील कॉन्टेंट को लेकर ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को परहेज करने को कहा है। ओटीटी (ओवर-द-टॉप) प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को एक निर्देश जारी किया है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने उन्हें कॉन्टेंट प्रकाशित करते समय आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) नियम-2021 के तहत निर्धारित आचार संहिता का सख्ती से पालन करने को कहा है। इसमें उम्र को लेकर भी कॉन्टेंट में कड़ाई से पालन करना होगा।
मिली हैं शिकायतें
मंत्रालय ने ओटीटी प्लेटफॉर्म के स्व-नियामक संस्थाओं को आचार संहिता के उल्लंघन पर सक्रियता से उपयुक्त कार्रवाई करने को भी कहा। मंत्रालय ने कहा कि उसे कुछ ओटीटी और सोशल मीडिया मंचों द्वारा अश्लील कॉन्टेंट का कथित तौर पर प्रसार किये जाने के बारे में सांसदों और वैधानिक संगठनों से शिकायतें मिली हैं। साथ ही, जन शिकायतें भी मिली हैं।
कॉन्टेंट पर रखना होगा ध्यान
परामर्श में कहा गया है, ‘इन बातों के मद्देनजर यह सलाह दी जाती है कि ओटीटी मंच सामग्री प्रसारित करते समय, कानूनों के विभिन्न प्रावधानों और आईटी नियम, 2021 के तहत निर्धारित आचार संहिता का पालन करें, जिसमें आचार संहिता के तहत निर्धारित सामग्री के आयु-आधारित वर्गीकरण का कड़ाई से पालन करना भी शामिल है।’
कानून द्वारा मना किए गए कॉन्टेंट को ना करें प्रसारित
इसमें कहा गया है कि आचार संहिता में अन्य बातों के साथ-साथ ओटीटी मंच से यह अपेक्षा की जाती है कि वे कानून द्वारा मना किए गए किसी भी कॉन्टेंट को प्रसारित न करें। साथ ही, नियमों की अनुसूची में दिए गए सामान्य दिशानिर्देशों के आधार पर सामग्री का आयु-आधारित वर्गीकरण करें तथा उचित सावधानी एवं विवेक का प्रयोग भी करें। यह परामर्श उच्चतम न्यायालय द्वारा सोशल मीडिया मंच पर सामग्री का विनियमन करने के सुझाव के मद्देनजर जारी किया गया है। शीर्ष अदालत ने यूट्यूब जैसे मंच पर सामग्री साझा करने के मामले में कानून में प्रावधान के अभाव को रेखांकित किया था।