‘मरने में आपके 2 घंटे बचे हैं’, बुशरा अंसारी ने जावेद अख्तर को खरी-खोटी सुनाई, कहा- चुप मारके बैठो

पाकिस्तानी अदाकारा बुशरा अंसारी ने गीतकार जावेद अख्तर की आलोचना की है क्योंकि उन्होंने पिछले महीने पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान की आलोचना की थी। Reviewit.pk की रिपोर्ट के अनुसार, बुशरा ने विदेश यात्रा के दौरान कहा कि जावेद को इस मामले पर बात करना बंद कर देना चाहिए। जावेद के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि ‘मरने में आपके दो घंटे रह गए हैं।’

जावेद अख्तर की आलोचना करते हुए बुशरा ने उनका नाम लिए बिना कहा, हमारे तथाकथित लेखक, उनको तो बहाना ही चाहिए था। असल में उनको तो मकान किराए पर नहीं मिलता था बॉम्बे में। अपने अस्तित्व के लिए जितनी चाहे वो बात कर सकते हैं…पता नहीं क्या क्या बोल रहे हैं आप। कोई हया करे। मरने में आपके दो घंटे रह गए हैं, ऊपर से आप इतनी फ़िज़ूल बातें कर रहे हैं।’

बुशरा अंसारी जावेद अख्तर पर भड़कीं
उन्होंने कहा कि जावेद को दिग्गज एक्टर नसीरुद्दीन शाह की तरह चुप रहना चाहिए। बुशरा ने कहा, ‘इतना भी क्या कोई हिम्मत। चलो जी चुप करो आप। नसीरुद्दीन शाह भी तो हैं, वो चुप बैठे हैं ना? और भी तो चुप बैठे हैं ना? जिसके दिल में जो है वो रख रहे। ये तो पता नहीं क्या कह रहे हैं।’ बुशरा ने बताया कि वह कुछ भारतीय लड़कियों से मिलीं जिन्होंने उनसे प्यार से बात की। उन्होंने कहा कि भारत में लोग बुरे नहीं हैं, लेकिन उन्हें उकसाया जा रहा है।

जावेद अख्तर ने सरकार से लगाई गुहार
हाल ही में जावेद ने केंद्र सरकार से पहलगाम हमले में पाकिस्तान के कथित संबंधों के लिए उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आग्रह किया था। जावेद को ग्लोरियस महाराष्ट्र फेस्टिवल के उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया गया था। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, भीड़ को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था, ‘यह सिर्फ एक बार नहीं बल्कि कई बार हुआ है। मैं केंद्र सरकार से अनुरोध करता हूं कि वह तत्काल कदम उठाए। सीमा पर कुछ पटाखे फोड़ने से काम नहीं चलेगा। अब कोई ठोस कदम उठाएं। कुछ ऐसा करें कि वहां का पागल सेना प्रमुख, कोई समझदार व्यक्ति उनके जैसा भाषण न दे सके।’

पहलगाम में हुआ आतंकी हमला
जावेद ने कहा था, ‘वह कहते हैं कि हिंदू और मुसलमान अलग-अलग समुदाय हैं। उन्हें इस बात की भी परवाह नहीं है कि उनके देश में भी हिंदू हैं। तो क्या उनका कोई सम्मान नहीं है? वह किस तरह का आदमी है? उन्हें मुंहतोड़ जवाब मिलना चाहिए ताकि वे याद रखें। वे इससे कम पर ध्यान नहीं देंगे। मैं राजनीति के बारे में ज्यादा नहीं जानता। लेकिन मैं जानता हूं कि यह ‘आर या पार’ का समय है’। बता दें कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे।

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