युगांडा में ओसामा ने फैला रखा था आतंक, एक ही गांव के 80 लोगों को खा गया था जिंदा

कंपाला

युगांडा के एक गांव में ओसामा ने आतंक फैला रखा था। लेकिन ये आतंकी ओसामा नहीं बल्कि एक मगरमच्छ था। ये मगरमच्छ गांव में 80 हत्याओं के लिए जिम्मेदार था। लुगांगा गांव में इस मगरमच्छ ने आतंक फैला रखा था। लोगों का कहना है कि 1991 से 2005 के बीच तक इस मगरमच्छ ने गांव के लगभग हर 10वें व्यक्ति को खा लिया। आतंक फैलाने वाले इस मरमच्छ का नाम ओसामा है। आतंकी ओसामा बिन लादेन के नाम पर इसका नाम रखा गया था।

जानकारी के मुताबिक ये मगरमच्छ झील के किनारे बैठ कर पीड़ितों का इंतजार करता था। इस मगरमच्छ ने 12 साल के बच्चों को भी अपना शिकार बनाया है। शिकार करने से पहले वह नाव के नीचे ही तैरता रहता था। ये मगरमच्छ अफ्रीका की सबसे बड़ी झील लेक विक्टोरिया में रहता था। गांव वालों का दावा है कि ये मगरमच्छ इतना ताकतवर और खतरनाक था कि लोग इसे अमर मानते थे।

पीड़ित के भाई ने बताई थी आपबीती
सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड के मुताबिक एक पीड़ित के भाई ने कहा था, ‘मैं नाव चला रहा था और मेरा भाई पीटर मेरे सामने मछली पकड़ रहा था। तभी ओसामा ने छलांग लगा कर उसे पकड़ लिया। मगरमच्छ पानी से सीधे उछला और नाव में कूद पड़ा। जिस किनारे पर मैं नाव में था वह डूब गया। पीटर ने चिल्ला कर कहा कि मेरा पैर टूट गया। ओसामा उसे पकड़ कर झील में चला गया। कुछ दिनों बाद मुझे मेरे भाई का सिर और कंधा मिला था।’

2005 में पकड़ा गया था ओसामा
युगांडा में आतंक फैलाने वाले ओसामा को 2005 में पकड़ा गया था। वन्यजीव अधिकारियों ने कड़ी मशक्कत के बाद इसे पकड़ा था। ओसामा को पकड़ने का अभियान लगभग एक सप्ताह तक चला था। ओसामा को पास बुलाने के लिए गाय के फेफड़ों का इस्तेमाल किया गया था। जब इसे पकड़ा गया था तो इसे मारा नहीं गया था, लेकिन एक ब्रीडिंग प्रोग्राम में इसे भेज दिया गया था।

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