नई दिल्ली
दिल्ली सरकार की नई शराब नीति पर उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना पहले सीबीआई जांच के आदेश दे चुके हैं। अब उनको एक और नई शिकायत मिली है, जिसके बाद उन्होंने दूसरी जांच के आदेश भी दे दिए हैं। उपराज्यपाल कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने काली सूची में डाले गये फर्म के पक्ष में आबकारी लाइसेंस के माध्यम से साठगांठ के आरोप पर दिल्ली के मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांगी हैं।
दिल्ली सरकार की मुश्किलें अब और बढ़ सकती हैं। पहली शिकायत मामले पर ही दिल्ली की सियासत अभी गरम है, अब नई शिकायत पर भी जांच के आदेश हो गए हैं। दिल्ली शराब नीति के खिलाफ एक और शिकायत आई है। इसको लेकर उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने एक और जांच के आदेश दिये हैं। इस जांच की रिपोर्ट 14 दिनों के अंदर तैयार करने को कहा गया है। ये शिकायत किस संगठन ने दी है, उसका नाम नहीं बताया गया है।
पहले ही दिया सीबीआई जांच के आदेश
इससे पहले उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली सरकार की आबकारी नीति पर जांच बैठा दी है। एलजी ने सीबीआई से नई एक्साइज पॉलिसी के तहत टेंडर प्रोसेस की जांच करने को कहा है। दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी की रिपोर्ट में सीबीआई जांच की सिफारिश की गई थी। न्यूज एजेंसी PTI ने अधिकारियों के हवाले से कहा कि ‘टेंडर में जान-बूझकर प्रक्रियागत खामियां छोड़ी गईं ताकि शराब लाइसेंसियों को अनुचित फायदा पहुंचे।’ नई आबकारी नीति के तहत, 32 जोन्स में 849 दुकानों के रिटेल लाइसेंस जारी किए गए थे। भाजपा और कांग्रेस, दोनों प्रमुख विपक्षी दलों ने नई आबकारी नीति का कड़ा विरोध किया है। एलजी से भी शिकायत की गई थी।
दिल्ली की आबकारी नीति 2021-22 क्या है?
नई आबकारी नीति के जरिए दिल्ली सरकार शराब खरीदने का अनुभव बदलना चाहती थी। नई पॉलिसी में होटलों के बार, क्लब्स और रेस्टोरेंट्स को रात 3 बजे तक ओपन रखने की छूट दी गई है। वे छत समेत किसी भी जगह शराब परोस सकेंगे। इससे पहले तक, खुले में शराब परोसने पर रोक थी। बार में किसी भी तरह के मनोरंजन का इंतजाम किया जा सकता है। इसके अलावा बार काउंटर पर खुल चुकीं बोतलों की शेल्फ लाइफ पर कोई पाबंदी नहीं होगी।