बीएसएनएल के रिवाइवल पैकेज को मंजूरी, 1.64 लाख करोड़ रुपये में होगा कायाकल्प

नई दिल्ली

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) के रिवाइवल के लिए 1.64 लाख करोड़ रुपए के रिवाइवल पैकेज को मंजूरी दी है। कैबिनेट ने साथ ही बीएसएनएल और भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड (BBNL) के मर्जर को भी हरी झंडी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इस मर्जर से बीबीएनएल के 5.67 लाख किलोमीटर के ऑप्टिकल फाइबर का पूरा कंट्रोल बीएसएनएल हाथों में आ जाएगा। मंत्रिमंडल ने साथ ही देश के सभी गांवों तक 4जी मोबाइल सर्विसेज पहुंचाने के लिए एक प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है। यह काम यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (Universal Service Obligation Fund) के जरिए किया जाएगा। इस पर करीब 26,316 करोड़ रुपये की लागत आएगी। कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह जानकारी दी।

दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए फैसले के बारे में बताया कि सरकार बीएसएनएल को 4जी सेवाओं की पेशकश करने के लिए स्पेक्ट्रम आवंटित करेगी। बीएसएनएल के रिवाइवल के लिए 1.64 लाख करोड़ रुपये के पैकेज को मंजूरी दी है। पैकेज के तीन हिस्से हैं। इनमें सेवाओं में सुधार, बहीखातों को मजबूत करना और फाइबर नेटवर्क का विस्तार शामिल है। बीएसएनएल के 33,000 करोड़ रुपये के वैधानिक बकाए को इक्विटी में बदला जाएगा। साथ ही कंपनी इतनी ही राशि (33,000 करोड़ रुपये) के बैंक कर्ज के भुगतान के लिए बॉन्ड जारी करेगी।

कैसे होगा कायाकल्प
उन्होंने बताया कि पैकेज में 43,964 करोड़ रुपये का नकद हिस्सा शामिल है। पैकेज के तहत 1.2 लाख करोड़ रुपये गैर-नकद रूप में चार साल के दौरान दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने बीएसएनएल और भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड (बीबीएनएल) के विलय को भी मंजूरी दी है। मंत्री ने कहा कि 4जी सेवाओं की पेशकश के लिए बीएसएनएल को स्पेक्ट्रम का प्रशासनिक आवंटन किया जाएगा। इसके तरह 900/1800 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम का आवंटन इक्विटी निवेश के जरिये किया जाएगा, जिसकी लागत 44,993 करोड़ रुपये होगी।

उन्होंने कहा कि सरकार 4जी प्रौद्योगिकी स्टैक विकसित करने के लिए अगले चार साल के दौरान 22,471 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय करेगी। इसके अलावा सरकार बीएसएनएल को 2014-15 से 2019-20 के दौरान व्यावसायिक रूप से अव्यवहार्य ग्रामीण वायरलाइन संचालन के लिए 13,789 करोड़ रुपये देगी। उन्होंने कहा कि भारतनेट के तहत स्थापित बुनियादी ढांचे के व्यापक उपयोग के लिए बीबीएनएल का बीएसएनएल में विलय किया जाएगा। भारतनेट के तहत बना बुनियादी ढांचा एक राष्ट्रीय संपत्ति बना रहेगा, जो सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को बिना किसी भेदभाव के उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश के दूरदराज के गांवों में 4जी मोबाइल सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए 26,316 करोड़ रुपये की कुल लागत वाली एक परियोजना को भी मंजूरी दी है।

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