नई दिल्ली
पश्चिम बंगाल में ममता सरकार के मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर से करोड़ों के नोटों की बरामदगी चर्चा का विषय बनी हुई है। यह बरामदगी पश्चिम बंगाल शिक्षा भर्ती घोटाले से संबंधित है। अभी तक कुल करीब 48 करोड़ कैश और 6 किलो सोना मिलने की बात सामने आई है। मामले में पार्थ चटर्जी और अर्पिता को हिरासत में लेकर ईडी उनसे राज उगलवाने में लगी है। वैसे यह पहली बार नहीं है, जब किसी छापेमारी में इतनी बड़ी संख्या में कैश बरामद हुआ है। आइए जानते हैं कुछ बड़े मामले, जहां छापेमारी के दौरान ‘नोटों के पहाड़’ देख लोग हैरान रह गए।
जुलाई 2022, बरामदगी 500 करोड़ से ज्यादा
इसी साल छह जुलाई को आयकर विभाग ने चेन्नई, कोयंबटूर और मदुरै में करीब 40 ठिकानों पर छापेमारी की थी। यह छापेमारी तमिलनाडु के दो बिजनेस ग्रुपों से संबंधित थी। इस दौरान 500 करोड़ से ज्यादा की अघोषित रकम बरामद हुई थी। बताया गया था कि बोगस खरीदारी और खर्च दिखाकर यह दोनों बिजनेस ग्रुप अपनी कर योग्य आय को छुपा रहे थे।
मार्च, 2022, बरामदगी 224.25
मार्च में पुणे के एक स्टार्टअप की छापेमारी पर आयकर विभाग ने 224.25 करोड़ रुपए की अघोषित रकम बरामद की थी। बताया जाता है कि कंस्ट्रक्शन मटीरियर से जुड़े इस स्टार्टअप का सालाना टर्नओवर 5000 करोड़ रुपए से ज्यादा था। अधिकारियों ने पुणे के किसी स्टार्टअप से सबसे बड़ी बरामदगी बताया था। इस सिलसिले में कंपनी के मुंबई, ठाणे, पुणे, नोएडा, बंगलुरू, हैदराबाद, नासिक, सांगली और इंदौर समेत 14 ठिकानों पर छापा मारा गया था।
दिसंबर, 2021, बरामदगी 150 करोड़
इस बार जीएसटी विभाग के अधिकारियों ने छापेमारी को अंजाम दिया था। छापेमारी कानपुर में पीयूष जैन नाम के कारोबारी के विभिन्न ठिकानों पर की गई थी। पीयूष जैन पान मसाला और परफ्यूम से जुड़ा कारोबार करते हैं। सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स के चेयरमैन विवेक जौहरी ने इसे विभाग के इतिहास की सबसे बड़ी रिकवरी बताया था।
अगस्त 2020 , बरामदगी 20.07 करोड़ कैश
यह मामला भी पश्चिम बंगाल से जुड़ा है। एंटी करप्शन ब्यूरो ने बाली म्यूनिसिपैलिटी के इंजीनियर प्रणब अधिकारी के यहां से यह बरामदगी की थी। बाद में प्रणब अधिकारी और उनके बेटे को गिरफ्तार भी किया गया था। मामले में 20.07 करोड़ का कैश, 58 लाख के पोस्ट ऑफिस सर्टिफिकेट और 14 लाख की ज्वैलरी बरामद हुई थी। इसी साल बाली म्यूनिसिपैलिटी को हावड़ा म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन से जोड़ा गया था। सीपीएम के अपूर्व लाहिड़ी पर भी इसी सिलसिले में छापेमारी हुई थी।
अगस्त 2014, बरामदगी 390 करोड़ कैश
मुंबई में तीन बिल्डरों के खिलाफ इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की छापेमारी में 390 करोड़ कैश बरामद हुआ था। यह बिल्डर थे एमे बिल्डर्स एंड प्रॉपर्टी डेवलपर्स, स्वास्तिक स्पेसेज लिमिटेड और माड ग्रुप ऑफ कंपनीज। बताया गया था कि इनमें से एक बिल्डर एक पूर्व एमएलसी हितेंद्र ठाकुर का रिश्तेदार था। तलाशी और सीज करने की कार्रवाई, जुलाई के आखिर में शुरू हुई थी और अगस्त के पहले सप्ताह तक चली थी और इसमें 120 अफसर लगे हुए थे। इन लोगों ने ऑफिस और कंपनी से जुड़े करीब 60 भवनों और जगहों की तलाशी ली थी।