नीतीश ने 45 साल पहले खुद ही कहा था कि वो राजनीति के ‘पलटूराम’ बनेंगे, लेकिन क्यों? जान लीजिए

नई दिल्ली/पटना

लंबे समय से बिहार की सत्ता के केंद्र में बने हुए नीतीश कुमार के बारे में एक वरिष्ठ पत्रकार ने अपनी किताब में दावा किया है कि 26 वर्ष की आयु में ही नीतीश कुमार ने कहा था कि वह येन केन प्रकारेण सत्ता में रहेंगे, लेकिन इसे हासिल करने के बाद अच्छा काम करेंगे। वरिष्ठ पत्रकार संकर्षण ठाकुर ने नीतीश कुमार की जीवनी ‘द ब्रदर्स बिहारी’ में लिखा है कि वर्ष 1977 में बिहार में कथित भ्रष्टाचार के बारे में चर्चा के दौरान पटना के इंडियन कॉफी हाऊस में उपस्थित लोगों के सामने नीतीश कुमार ने यह बात कही थी।

इसके 45 साल बाद नीतीश कुमार ने मंगलवार को बीजेपी से नाता तोड़कर उसे एक बार फिर विपक्ष में भेज दिया और राजद के साथ गठबंधन करके बुधवार को आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। ऐसे में उनके आलोचकों का कहना है कि नीतीश कुमार वर्षों पहले कही अपनी बातों के कम से कम पहले हिस्से पर आज भी कायम हैं।

ठाकुर ने अपनी पुस्तक में लिखा कि यह उक्ति एक ऐसे युवा नेता की थी, जो 1977 में हरनौत विधानसभा सीट से जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल नहीं कर सका था, जबकि आपातकाल के बाद की लहर में गैर-कांग्रेसी टिकट का मतलब आधी लड़ाई जीतना माना जाता था।

नीतीश कुमार के लिए विषय हमेशा ‘कुर्सी’ का रहा है: चिराग
मंगलवार को नीतीश कुमार के एनडीए से अलग होकर आरजेडी, कांग्रेस और अन्य दलों के साथ हाथ मिलाने पर लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान ने उन्हें आड़े हाथों लिया। चिराग ने कहा, ‘नीतीश कुमार के लिए विषय हमेशा ‘कुर्सी’ का रहा है। वह मुख्यमंत्री बने रहना चाहते हैं… क्या यह मजाक है? एक समय आप किसी के साथ होते हैं और फिर किसी दूसरे के साथ चले जाते हैं।’

1994 में लालू प्रसाद से अलग होकर नीतीश ने बनाई थी पार्टी
नीतीश कुमार के समकालीन नेताओं में भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव शामिल हैं। नीतीश कुमार ने 1994 में लालू प्रसाद से अलग होकर जार्ज फर्नाडिस के साथ समता पार्टी बनाई थी। वह वर्ष 2005 में मुख्यमंत्री बने और 10 महीने को छोड़कर (जब जीतन राम मांझी मुख्यमंत्री रहे) अब तक इस पद पर बने हुए हैं।

17 साल से सीएम पद संभाल रहे हैं नीतीश कुमार
नीतीश कुमार करीब 17 साल से बिहार के मुख्यमंत्री का पद संभाल रहे हैं। इस दौरान उन्हें एक ओर ‘सुशासन बाबू’, ‘मिस्टर क्लीन’ जैसे विशेषणों से संबोधित किया गया। वहीं दूसरी ओर कुछ लोगों ने उन्हें ‘पलटू राम’, ‘कुर्सी कुमार’ भी कहा।

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