नोएडा,
नोएडा के सुपरटेक के अवैध रूप से बने जुड़वां टावर को 28 अगस्त की दोपहर ध्वस्त करने के लिए रविवार तक करीब छह सौ किलो बारूद लगा दिया गया है. दोनो टावर्स में कुल तीन हजार सात सौ किलोग्राम विस्फोटक विशेष रूप से हरेक मंजिल पर तकनीकी तौर पर बनाए गए सैकड़ों सुराखों में भरा जाएगा. इनमें तार के जरिए पलीता लगा होगा.
ट्विन टावर्स ढहाने के लिए अधिकृत की गई कंपनी एडीफाइज इंजिनियरिंग के अधिकारी उत्कर्ष मेहता के मुताबिक इस 46 लोगों की टीम में छह विदेशी विशेषज्ञ भी शामिल हैं जिनको ऐसी कई इमारतें सुरक्षित ढंग से ढहाने में महारत हासिल है. दस भारतीय इंजिनियरिंग विशेषज्ञ हैं और तीस मजदूर हैं.
तीन मिनट में ये दोनो टावर्स एपेक्स और सियान धूल में मिल जाएंगे. लेकिन 103 मीटर ऊंचे 32 मंजिल के ये टावर सिर्फ कहने को धूल में मिलेंगे. क्योंकि, इनका मलबा ही करीब 30 मीटर यानी चार मंजिल से ऊंचा होगा. उसे उठाकर ठिकाने लगाने में ही हफ्तों लगेंगे!
पेड़ पौधों को काली सफेद हरी शीट से ढका गया
धूल का गुबार भी सैकड़ों मीटर ऊपर उठेगा और चारों ओर फैलेगा. इसे कंट्रोल करने को जियो फाइबर चादरें लगाई गई हैं. पेड़ पौधों को काली सफेद हरी शीट से ढका गया है. इनकी ऊपरी मंजिलों से विस्फोटक लगाने की शुरुआत हुई. अब जाकर भरोसा होने लगा है कि इतनी बार टालने के बाद अबकी बार 4 सितंबर तक इनको ध्वस्त करने का काम पूरा हो जाएगा.
12 घंटे विस्फोटक लगाने का काम चलेगा
ध्वस्त करने का तकनीकी काम देख रही कम्पनी के मुताबिक रोज 12 घंटे विस्फोटक लगाने का काम चलेगा. ट्विन टावर परिसर में पूजा के बाद प्रसाद बंटा और फिर विस्फोटक लगाने की शुरुआत हुई. इस कामना के साथ कि बिना किसी विघ्न, अड़चन या जान माल के नुकसान के ये काम हो जाए. हालांकि 27 अगस्त तक विस्फोटक लगाने और सर्किट के साथ ढहाने की तैयारी पूरी करने का समय तय किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट का है सख्त आदेश
तकनीकी विशेषज्ञों के मुताबिक काम हो जाए तभी मानिएगा. क्योंकि 27 अगस्त तक सब कुछ पूरा कर लेना अपने आप में जबरदस्त चुनौती है. कुछ तो तकनीकी मामला और कुछ मौसम की स्थिति और बाकी प्रशासन की चुस्ती सुस्ती पर भी निर्भर करेगा. अनुमान के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेश के बाद चार सितंबर से पहले टावर ढहाने की योजना पर अमल पूरा हो जाएगा.