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Tuesday, July 1, 2025
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दखल से काम मुश्किल, केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से की LG की शिकायत

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नई दिल्ली

दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना और आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के बीच जंग थमने की बजाय लगातार तेज होती जा रही है। अरविंद केजरीवाल की अगुआई वाली सरकार ने अब सुप्रीम कोर्ट से एलजी की शिकायत की है। शिकायत में एलजी पर कामकाज में दखल का आरोप लगाते हुए कहा गया है कि वह नौकरशाहों को चुनी हुई सरकार के खिलाफ उकसा रहे हैं। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में दिए गए हलफनामे में केजरीवाल सरकार ने कहा है कि एलजी ने राजधानी में सरकार को पटरी से उतार दिया है।

हलफनामे में आगे कहा गया है कि एलजी चुनी हुई सरकार की शक्तियां खुद को देकर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में एक समानांतर सिस्टम चला रहे हैं। केंद्र बनाम दिल्ली सरकार की लड़ाई में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने संवैधानिक बेंच के सामने 2 अलग-अलग हलफनामे दायर किए हैं। सिसोदिया ने आरोप लगाया है कि एलजी लगातार दिल्ली सरकार की शक्तियों को कब्जाने की कोशिश में जुटे हैं। एलजी ऑफिस की ओर से अभी इस पर प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।

इस संबंध में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दो अलग-अलग केसों में एफिडेविट दिया है। पहला केस केंद्र और दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच ब्यूरोक्रेट्स पर नियंत्रण को लेकर चल रही खींचतान को लेकर है। जबकि दूसरा मामला एलजी के हाथों दिल्ली का प्रशासन दिये जाने से जुड़ा हुआ है। दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन (संशोधन) अधिनियम, 2021 में यह प्रावधान किया गया है कि दिल्ली सरकार की कैबिनेट द्वारा लिये गये कुछ अहम फैसलों पर सरकार को एलजी की राय लेना जरूरी है।

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूण दोनों केसों पर एक साथ सुनवाई कर रहे हैं। 24 नवंबर को इन केसों पर सुनवाई होगी। केंद्र सरकार ने अप्रैल में दिल्ली सरकार की तरफ से दायर की गई इस याचिका पर कहा था कि आप सरकार कामकाज में व्यवधान डाल रही है और कई अहम फैसलों को लेकर एलजी को अंधेरे में रखने का काम कर रही है। बता दें कि हाल ही में ऐसे कई मौके सामने आए हैं जब दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना और दिल्ली सरकार के बीच कई बार तनातनी देखने को मली है। आबकारी घोटाले में सीबीआई जांच की सिफारिश एलजी ने ही की थी, हालांकि आप ने इस भ्रष्टाचार में अपनी किसी भी भूमिका से इनकार किया है। दिल्ली सरकार पर बस कॉन्ट्रैक्ट में भी गड़बड़ी करने के आरोप लगे, इसके अलाव क्लासरूम बनवाने को लेकर भी दिल्ली सरकार पर सवाल उठे।

मनीष सिसोदिया ने जो एफिडेविट दायर की है उसमें उपराज्यपाल को लेकर कहा गया है कि दिल्ली में अब शासन करना काफी कठिन हो गया है। जब से इस साल मई में नए उपराज्यपाल ने कामकाज संभाला है दिल्ली में शासन चलाना मुश्किल हो गया है। डिप्टी सीएम ने शिकायत की है कि दिल्ली सरकार के दैनिक कार्य प्रभावित हो रहे हैं क्योंकि केंद्र सरकार ब्यूरोक्रेट्स को नियंत्रित कर रही है। जिसकी वजह से यहां अफसर चुने हुए प्रतिनिधियों की सुन ही नहीं रहे हैं। कहा गया है कि सरकारी सेवक बैठकों में नहीं आते हैं और मंत्रियों की आज्ञा नहीं मानते हैं।

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