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3500 से ज्यादा भारतीय कंपनियों में बैठे चीनी डायरेक्टर, सरकार ने देश को दी जानकारी

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नई दिल्ली

सरकार ने सोमवार को कहा कि भारत में 3560 कंपनियां ऐसी हैं, जिनमें चीनी डायरेक्टर हैं। कंपनी मामलों के राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि देश में 174 चीनी कंपनियां हैं, जो भारत में काम करने के लिहाज से मंत्रालय में विदेशी कंपनियों के रूप में रजिस्टर्ड हैं। वहीं, चीनी निवेशकों और शेरधारकों वाली कंपनियों की संख्या बता पाना संभव नहीं हैं। क्योंकि इस तरह के आंकड़े अलग से नहीं रखे जाते। भारत और चीन के संबंधों में इस समय तल्खी आ गई है। अरुणाचल प्रदेश में बॉर्डर के पास तवांग इलाके में चीनी सैनिकों के साथ झड़प की खबर है। यह झड़प 9 दिसंबर की रात हुई। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस झड़प में 8 भारतीय सैनिकों के घायल होने की खबर है। वहीं, चीनी सेना के 20 से ज्यादा सैनिक घायल हुए हैं।

चीनी निवेशकों वाली कंपनियों की संख्या
राव इंद्रजीत सिंह ने लोकसभा में कहा, ‘कॉर्पोरेट डाटा प्रबंधन (CDM) के आंकड़ों के अनुसार, भारत में 3560 कंपनियां ऐसी हैं, जिनमें चीनी डायरेक्टर हैं। चीनी निवेशकों और शेयर धारकों वाली कंपनियों की संख्या बता पाना संभव नहीं है, क्योंकि कंपनी मामलों के मंत्रालय की प्रणाली (MCA) में अगल से आंकड़े नहीं रखे जाते।’ कॉर्पोरेट डेटा मैनेजमेंट यानी सीडीएम पोर्टल को मंत्रालय द्वारा इन-हाउस डेटा एनालिटिक्स और बिजनस इंटेलिजेंस यूनिट के तौर पर विकसित किया गया है।

भारत कई चीजों के लिए चीन पर हो रहा निर्भर
भारत-चीन व्यापार की बात करें, तो यह लगातार बढ़ रहा है। चीन के साथ हमारा व्यापार घाटा भी बढ़ता जा रहा है। यह चिंता का विषय है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने राज्यसभा में इस बात पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि भारत कई चीजों के लिए चीन पर निर्भर होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि साल 2003-2004 में चीन से भारत का आयात करीब 4.34 अरब डॉलर का था। लेकिन साल 2013-14 आते-आते ये बढ़कर करीब 51.03 अरब डॉलर का हो गया। ऐसे में 10 वर्षों में आयात बढ़कर दस गुना से भी ज्यादा हो गया।

लगातार बढ़ रहा व्यापार घाटा
साल 2004-05 में भारत और चीन के बीच 1.48 अरब डॉलर का व्यापार घाटा था। साल 2013-14 में यह बढ़कर 36.21 अरब डॉलर तक पहुंच गया। वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान भारत और चीन के बीच 44.33 अरब डॉलर का व्यापार घाटा था। लेकिन चालू वित्त वर्ष के दौरान यह बढ़कर करीब 73 अरब डॉलर पर पहुंच गया। सीमा पर तनाव के बावजूद दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय करोबार में 43.3 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वित्त वर्ष 2020-21 में चीन ने भारत को 65.21 अरब डॉलर के मूल्य का सामान निर्यात किया था। लेकिन वित्त वर्ष 2021-22 में इसमें तेज इजाफा हुआ और यह 94.57 अरब डॉलर तक पहुंच गया।

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