ये कैसी दुश्मनी? ताइवान ने अपनी सबसे शक्तिशाली मिसाइल का मेन पार्ट मरम्मत के लिए चीन भेजा, मचा बवाल

ताइपे

ताइवान और चीन की दुश्मनी जगजाहिर है। चीन लगातार सेना के दम पर ताइवान पर कब्जे की धमकी देता रहा है। पिछले साल नवंबर में अमेरिकी स्पीकर नैन्सी पेलोसी के दौरे के समय तो चीन और ताइवान युद्ध के कगार पर पहुंच गए थे। इस बीच खुलासा हुआ है कि ताइवान ने स्वदेशी तौर पर विकसित अपने सबसे ताकतवर मिसाइल का एक हिस्सा चीन में मरम्मत के लिए भेजा था। इस मिसाइल का नाम Hsiung Feng III है। यह एक मध्यम दूरी की एंटी शिप मिसाइल है। इसे ताइवान के नेशनल चुंग-शान इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी ने विकसित किया है। यह मिसाइल जमीन और समुद्र दोनों जगह हमला करने में सक्षम है। इस मिसाइल की तकनीक का चीन जाना ताइवान की सुरक्षा में बड़ी चूक माना जा रहा है।

मिसाइल का कौन सा पार्ट चीन पहुंचा
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, ताइवान के Hsiung Feng III मिसाइल का एक थियोडोलाइट – एक सटीक ऑप्टिकल उपकरण – मरम्मत के लिए चीन के शेडोंग प्रांत भेजा गया था। बुधवार को नेशनल चुंग-शान इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (NCSIST) ने कहा कि थियोडोलाइट को 2021 में स्विस कंपनी लीका से खरीदा गया था और इसे हाल ही में मरम्मत के लिए निर्माता को वापस भेज दिया गया था। एजेंसी ने कहा कि मिसाइल के उपकरण को वापस भेजने से पहले उसमें मौजूद मेमोरी स्टोरेज कार्ड को हटा दिया गया था। इसे बेचने वाले एजेंट को इस हिस्से तो स्विट्जरलैंड भेजने के लिए कहा गया था।

कैसे हुआ मामले का खुलासा
मरम्मत किए गए थियोडोलाइट को चीन के शेडोंग के एक हवाई अड्डे से ताइवान भेजा गया था। इस बात की जानकारी मिलते ही ताइवानी सुरक्षा एजेंसी के कान खड़े हो गए। जब जांच की गई तो पता चला कि इस पार्ट की मरम्मत स्विट्जरलैंड में न होकर चीन के शेंडोंग में की गई है। इस पार्ट को बनाने वाली स्विडिश कंपनी लीका ने सफाई देते हुए कहा कि एशिया में इस पार्ट के मेंटीनेंस का सेंटर किंगदाओ के पूर्वी तट शहर शेंडोंग में है। इसलिए, इस पार्ट को मरम्मत के लिए चीन के शेंडोंग शहर भेजा गया था। इसके बाद ताइवानी एजेंसी NCSIST ने कहा कि हमने तुरंत उपकरण की सुरक्षा जांच की और सुनिश्चित किया कि इसमें कोई मैलवेयर न हो। इस प्रकार हमने सुरक्षा चिंताओँ को प्रभावी ढंग से दूर किया है।

ताइवानी एजेंसी ने जारी की सफाई
NCSIST ने यह भी कहा कि हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से भविष्य में मेंटीनेंस के लिए इस तरह के संवेदनशील उपकरण चीन नहीं भेजे जाएं। मिसाइल में एक थियोडोलाइट नामित बिंदुओं के बीच कोणों को मापने के लिए एक सटीक ऑप्टिकल उपकरण है। मीडिया रिपोर्ट में बाद में बताया गया कि इस उपकरण में मिसाइल के लोकेशन जैसी जानकारी हो सकती है। इस सवाल के जवाब में NCSIST ने जोर देकर कहा कि थियोडोलाइट का उपयोग मिसाइलों को लॉन्च करने के लिए किया जाता है, फ्लाइट कंट्रोल पोजीशन के लिए नहीं।

कितनी ताकतवर है सियुंग फेंग III मिसाइल
सियुंग फेंग III या ब्रेव विंड 3, एक सुपरसोनिक एंटी-शिप क्रूज मिसाइल है और इसे पीएलए नौसेना के हमले को रोकने के लिए ताइवान का सबसे शक्तिशाली हथियार बताया जाता है। मिसाइल की ऑपरेटिंग रेंज 400 किमी (320 मील) है और माना जाता है कि यह बूस्टर के साथ 1,500 किमी की अधिकतम सीमा तक पहुंचने में सक्षम है। यह जमीन पर भी लक्ष्य पर हमला कर सकता है। Hsiung Feng III का पहली बार 1997 में परीक्षण किया गया था, और इसे 2007 से ताइवानी नौसेना के कांग डिंग और चेंग कुंग-श्रेणी के फ्रिगेट पर तैनात किया गया है। 2016 में, एक Hsiung Feng III एक प्रशिक्षण अभ्यास के दौरान मिसफायर हो गया और लगभग 75 किमी दूर एक मछली पकड़ने वाली नाव से टकरा गया। इस हादसे में जहाज के कप्तान की मौत हो गई और उसके चालक दल के तीन सदस्य घायल हो गए थे।

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