नई दिल्ली,
भारतीय अरबपति गौतम अडानी आज बुरे दौर से गुजर रहे हैं. अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद उनकी संपत्ति में रोज बड़ी गिरावट आ रही है और वे दुनिया के टॉप अमीरों की लिस्ट में चौथे पायदान से खिसककर 22वें नंबर पर पहुंच चुके हैं. अडानी ग्रुप के मार्केट कैप की बात करें तो ये कुछ ही दिनों में 117 अरब डॉलर से ज्यादा घट गया है. अब सवाल ये कि कैसे इस परेशानी से उबरेंगे अडानी? तो बता दें अडानी के खजाने में अभी भी एक ऐसा ‘रत्न’ मौजूद है, जो इस संकट के समय में उनका मददगार साबित हो सकता है!
कंपनी का बड़ा इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो
बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, गौतम अडानी की प्रवर्तक कंपनी Adani Properties के पास किसी भी शॉर्ट टर्म लोन के एक हिस्से का भुगतान करने के लिए पर्याप्त संपत्ति और निवेश का एक बड़ा पोर्टफोलियो मौजूद है. आमतौर पर पूंजी की कमी से जूझ रहे भारतीय प्रमोटर अक्सर नए बिजनेस की शुरुआत करने या फिर मौजूदा कारोबार के विस्तार के लिए अपने शेयर गिरवी रखते हैं. यही अरबपति गौतम अडानी ने अपनी लिस्टेड कंपनियों में से कुछ के साथ भी किया है.
हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने कराया बड़ा नुकसान
बीते 24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट पब्लिश होने के बाद उनके शेयरों में जो जबरदस्त गिरावट आई है, उससे उन्हें बड़ा नुकसान हुआ है. इसके साथ ही गिरवी रखे गए शेयरों में भी मार्जिन दबाव का भी सामना करना पड़ा है. बता दें कि नाथन एंडरसन के नेतृत्व वाली शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप पर अपनी रिपोर्ट में शेयरों में हेर-फेर से लेकर समूह पर भारी-भरकम कर्ज से जुड़े कुल 88 गंभीर सवाल उठाए थे. जिसके बाद इन्वेस्टर्स के सेंटिमेंट पर विपरीत प्रभाव पड़ा और अडानी की कंपनियों के शेयर भरभराकर टूट गए और शेयरों में गिरावट का ये सिलसिला अभी तक जारी है.
बाजार में लिस्ट नहीं है अडानी प्रॉपर्टीज
इस संकट से उबरने में गौतम अडानी की अहमदाबाद अडानी प्रॉपर्टीज, जो शेयर बाजार में लिस्टेड नहीं है और न ही उन कंपनियों की तरह फेमस है…मददगार साबित हो सकती है. इस कंपनी ने ग्रुप के तमाम बिजनेसों में निवेश किया हुआ है. रिपोर्ट की मानें तो करीब तीन दशक पुरानी कंपनी प्रमोटर ग्रुप की कंपनियों में से एक है, जो प्रमुख रूप से अडानी एंटरप्राइज, अडानी पोर्ट्स और SEZ, अडानी पावर, अडानी ग्रीन एनर्जी और अडानी ट्रांसमिशन में गौतम अडानी फैमिली की ओर से इन्वेस्टमेंट रखती है.
इतनी है कंपनी की नेटवर्थ
गौतम अडानी की इस अनलिस्टेड कंपनी के साइज की बात करें तो ये कई लिस्टेड कंपनियों को भी बौना साबित कर सकती है. रिपोर्ट के मुताबिक, 2020-21 के लिए कंपनी का ऑपरेटिंग रेवेन्यू 11,144 करोड़ रुपये और टैक्स के बाद प्रॉफिट 4,763 करोड़ रुपये रहा था. इसमें बताया गया है कि अडानी प्रॉपर्टीज पर 28,618 करोड़ रुपये का कर्ज है और इसकी तुलना में कंपनी की कुल संपत्ति 41,293 करोड़ रुपये है.
351 सहायक कंपनियां
कंपनी का प्रमुख व्यवसाय माल के थोक व्यापार है. इसने कई सहायक कंपनियों के माध्यम से रियल एस्टेट और वित्तीय सेवाओं में भी भारी-भरकम निवेश किया है. वास्तव में, इसकी रिकॉर्ड 351 सहायक कंपनियां, सहयोगी कंपनियां और संयुक्त उद्यम हैं. इसकी प्रॉपर्टीज की लिस्ट में मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में 8.21 लाख वर्ग फुट जमीन भी शामिल है. हालाँकि, यह संपत्ति कंपनी द्वारा लिए गए ऋण के एवज में फिलहाल गिरवी रखी गई है. गुजरात समेत अन्य राज्यों में भी कंपनी के कई एसेट मौजूद हैं.
मुंबई का धारावी प्रोजेक्ट खासा चर्चित
हाल ही में अडानी प्रॉपर्टीज खासी चर्चा में रही थी, जब इसने एशिया के सबसे बड़े स्लम एरिया में से एक धारावी के नवीनीकरण के लिए बोली जीती थी. मार्केट एक्सपर्ट्स अनुमान लगा रहे हैं कि अडानी ग्रुप की ये अनलिस्टेड फर्म समूह की कंपनियों की किसी भी अल्पकालिक फंडिंग आवश्यकता को पूरा करने के लिए मददगार होगी. रिपोर्ट की मानें तो ग्रुप ने हाल ही में तीन कंपनियों अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी पोर्ट्स और अडानी ट्रांसमिशन में गिरवी रखे शेयरों को छुड़ाने के लिए कुल 1.11 अरब डॉलर का लोन चुकाया है.