भोपाल।
चार दशक से ज्यादा समय से गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र हारती आ रही है अब चाहे स्थानीय नेता को टिकट मिले या बाहरी को कोई ज्यादा वोटों से हारता है कोई कम वोटों से लेकिन हारता जरूर है। बड़ी बात यह है कि भाजपा के गढ़ में जीतने वाले बहुत कम ही उम्मीदवार दिखाई दिए। पहली बार जब मई दिवस पर इस विधानसभा क्षेत्र में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की आम सभा हुई और भीड़ उमड़ी तो लोगों को लगने लगा कि शायद इस बार मुकाबला टक्कर का है। दिन में नाथ की जय जय कार होती रही और रात को एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने सोनागिरी पिपलानी क्षेत्र में एक बड़ा आयोजन कर डाला। बात यह नहीं कि उनका आयोजन ठीक था या नहीं लेकिन रात को जब इस आयोजन में भाजपा के एक मंत्री और एक विधायक दिखाई दिए तो लोग दातों तले उंगली दबाने लगे। कारण साफ था कि क्या इस आयोजन के लिए कोई बड़ा कांग्रेस नेता नहीं मिला। यह तो सुना कि कुछ नेता भाजपा विधायक के बंगले पर दस्तक देते है। इसीलिए इस क्षेत्र से कांग्रेस को काफी नुकसान उठाना पड़ा। लेकिन इस बार दम भर रही कांग्रेस के नेता ने सुबह श्री नाथ के कार्यक्रम में और रात को भाजपा नेताओं के साथ दिखाई दिए। मामला गंंभीर है क्योंकि यह भी इस क्षेत्र से कांग्रेस के दावेदार है।