मी लॉर्ड, अमित शाह ने मुसलमानों के आरक्षण हटाने का जिक्र किया, जज ने कहा- ऐसा नहीं करना चाहिए

नई दिल्ली

कर्नाटक में मुस्लिमों के 4 फीसदी आरक्षण खत्म करने का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में है। इस मामले में सीनियर वकील दुष्यंत दवे ने शीर्ष अदालत में कहा कि अमित शाह आए दिन मुसलमानों के आरक्षण को खत्म करने के बयान दे रहे हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट के जज नागरत्न जे ने कहा कि इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए। इस मामले में सुनवाई टल गई है। अब अगली सुनवाई 25 जुलाई को होगी।

इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए- जस्टिस नागरत्न
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान मुस्लिमों के लिए 4% आरक्षण खत्म करने के कर्नाटक सरकार के फैसले के खिलाफ बहस करते हुए सीनियर वकील दुष्यंत दवे ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि गृह मंत्री अमित शाह आए दिन बयान दे रहे हैं कि उन्होंने आरक्षण खत्म कर दिया है। इस पर नागरत्न जे ने कहा इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए। जस्टिस नागरत्न ने कहा, ‘जो आप कह रहे हैं अगर वो सच है, तो हमें बेहद आश्चर्य है। जब मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, तो किसी के द्वारा इस तरह के बयान क्यों दिए जाने चाहिए?

‘इस मामले में नहीं हो राजनीति’
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने यह कहते हुए बीच में ही रोक दिया कि बेंच को बयान की सामग्री और संदर्भ के बारे में नहीं बताया गया है। सॉलिसिटर जनरल कहा कि यहां राजनीति नहीं होनी चाहिए। हम नहीं जानते कि किस बयान को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। दवे ने कहा, अमित शाह ने कहा कि मुसलमानों के लिए 4% आरक्षण असंवैधानिक था और भाजपा ने इसे हटा दिया था।

25 जुलाई को होगी अगली सुनवाई
इसके बाद अदालत में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हम नहीं जानते कि उनके लिए क्या बयान दिया गया है। इस बीच दवे बोल पड़े कि अमित शाह ने कहा कि मुसलमानों के लिए 4% आरक्षण असंवैधानिक था और भाजपा ने इसे हटा दिया था। इस मामले में अगली सुनवाई 25 जुलाई को होगी। इससे पहले, 25 अप्रैल को सुनवाई 9 मई तक के लिए टाल दी गई थी।

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