नई दिल्ली
लोकसभा चुनाव में दूसरे चरण की वोटिंग से पहले मुद्दे बदल चुके हैं। जब से कांग्रेस पार्टी की तरफ से उनका घोषणा पत्र सामने रखा गया है, एक नया विवाद छिड़ चुका है। उस घोषणा पत्र में संपत्ति को समान रूप से बांटने की पैरवी है। लेकिन बीजेपी ने उसका मतलब निकाला है कि कांग्रेस लोगों की मेहनत की कमाई को उनसे छीनकर दूसरों में बांट देगी। वहां भी कहां गया है कि उस कमाई को ‘मुस्लिमों’ में बांट दिया जाएगा। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक बयान भी विवाद का विषय बन चुका है।
पीएम मोदी ने एक रैली में कहा था कि कांग्रेस अपने घोषणा पत्र में संपत्ति का सर्वे करवाने की बात करती है। हमारी बहनों के पास तो घर में कितना सारा सोना होता है, आदिवासी परिवारों के पास कितनी चांदी होती है, कांग्रेस इन सभी चीजों का पता लगा लेगी। जब सारी जानकारी इन लोगों को मिल जाएगी, फिर उस संपत्ति को समान रूप से बांट दिया जाएगा। कांग्रेस तो कहती भी है कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है, ऐसे में जिनके ज्यादा बच्चे होते हैं, उन्हें ये संपत्ति वितरित कर दी जाएगी।
अब पीएम मोदी के इसी बयान पर घमासान छिड़ा हुआ है। लेकिन उनकी तरफ से एक बड़े वोटबैंक को भी सीधे-सीधे साधा गया है। अगर ध्यान दिया जाए तो पीएम मोदी ने जिक्र किया है कि भारत की महिलाओ के पास काफी सोना होता है। पीएम ने तो महिलाओं के मंगलसूत्र छीनने तक का जिक्र कर दिया था। अब राजनीति में तो इस बयान के मायने हैं ही, अगर आंकड़ों में समझें तो देश की आधी आबादी के पास काफी सोना है, काफी संपत्ति उसके नाम है। सेविंग करने की जो प्रवृत्ति महिलाओं की है, वो फैक्टर भी काफी अहम हो जाता है।
अब यहां पर कुछ बिंदुओं पर रोशनी डालने की कोशिश करते हैं, आखिर भारत में महिलाओं के पास कितना सोना है? भारत में महिलाएं कितना पैसा बचाती हैं? भारत में महिलाओं के नाम कितनी संपत्ति या कहना चाहिए प्रॉपर्टी रहती है? इन सवालों का जो जवाब होगा, उसमें पीएम मोदी की राजनीति भी छिपी हुई है।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट बताती है कि भारत में महिलाओं के पास करीब 21 हजार टन सोना मौजूद है। अगर इसकी कीमत निकाली जाए तो आंकड़ा 100 लाख करोड़ के आसपास बैठता है। बड़ी बात ये है कि भारतीय महिलाओं के पास दुनिया में सबसे ज्यादा सोना है, जितना दुनिया के टॉप 5 बैंकों के पास गोल्ड रिजर्व नहीं होगा, उससे ज्यादा सोना तो भारत की महिलाओं ने अपने पास रखा है। समझने वाली बात ये भी है कि भारत में निवेश करने की पुरानी आदत है, वहां भी बैंक से ज्यादा लोग सोने में निवेश करना पसंद करते हैं।
एक रिपोर्ट बताती है कि भारत में इस समय लोगों के पास सोना मौजूद भी है वहां 80 फीसदी तो गहनों के रूप में है। यानी कि भारतीय महिलाएं सोने के गहने बड़ी मात्रा में अपने पास रखती हैं। भारत जैसे देश में तो त्योहार और दूसरे सांस्कृति कार्यक्रमों की वजह से भी सोने के गहनों को खास प्राथमिकता दी जाती है, उन्हें लेकर एक भावनात्मक माहौल महिलाओं के बीच रहता है। इसी वजह से पीएम मोदी ने भी कांग्रेस के मेनिफेस्टों के सहारे महिलाओं के मंगलसूत्र का जिक्र किया है, वे जानते हैं कि ये एक मंगलसूत्र देश की आधी आबादी को सीधे-सीधे उनसे जोड़ने का काम करेगा।
वैसे सोने को लेकर एक आंकड़ा ये भी है कि भारत के मंदिरों के पास ढाई हजार टन से भी ज्यादा गोल्ड मौजूद है, वहां भी केरल पद्मनाभ स्वामी मंदिर में 1300 टन सोना है, तिरुपति मंदिर के पास 250 से 300 टन सोना। तिरुपति मंदिर में तो 100 किलो सोना चढ़ावे के रूप में भी आता रहता है। अगर कहा जाए कि भारत को सोने से बहुत लगाव है, ये अतिश्योक्ति नहीं लगने वाला है। पिछले 6 सालों में ही सोने की खपत में बड़ा इजाफा देखने को मिला है, अगर कोरोना काल के दौरान आंकड़ा 445 टन चल रहा था, वर्तमान में वो 799 टन तक पहुंच चुका है। बड़ी बात ये भी है कि आजादी के बाद से सोने का भाव तो लगातार बढ़ता गया है, लेकिन डिमांड में कमी देखने को नहीं मिली। 89 रुपये से शुरू हुआ सोने का भाव अब 70 हजार के पार जा चुका है, लेकिन आज भी सोना लोगों की पहली पसंद बना हुआ है।
अगर कोरोना काल से पहले चले जाएं तो 2019 में तो एक समय ऐसा आ गया था जब भारत के पास अमेरिका के गोल्ज ट्रेजरी से भी तीन गुना ज्यादा सोना पड़ा हुआ था। वैसे सोने के मामले में तो भारत सबसे आगे है ही, महिलाओं को लेकर एक और दिलचस्प आंकड़ा मौजूद है। ये आंकड़ा है प्रॉपर्टी को लेकर जहां कहा गया है कि देश में बड़े स्तर पर जो जमीन या प्रॉपर्टी होती हैं, वो सब भी महिलाओं के नाम ही होती हैं। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट बताती है कि देश में 37 प्रतिशत महिलाओं के पास घर या जमीन मौजूद है।
कंसल्टेंसी फर्म एनॉरॉक के मुताबिक तो वर्तमान में कुल 77 फीसदी घर अभी महिलाएं ही खरीद रही हैं, वहीं रियल स्टेट खरीदने के मामले में भी अब 74 प्रतिशत फैसले आधी आबादी द्वारा ही लिए जा रहे हैं। एक रिपोर्ट तो ये भी बताती है कि महिलाओं के घर खरीदने के मामले में लद्दाख सबसे आगे है, यहां ज्यादातर आवास महिलाओं के नाम पर ही चल रहे हैं। अब अगर सोचा जाए तो ये वर्ग काफी बड़ा है, जाति-धर्म से ऊपर उठकर ये वोट करने की क्षमता रखता है। इसी वजह से पीएम मोदी ने मंगलसूत्र और संपत्ति का जिक्र इतना खुलकर कर दिया है।