लोकसभा में राहुल गांधी को रोकने में क्यों असहाय दिखी बीजेपी, भाषण के 4 मायने

नई दिल्ली,

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी अब लोकसभा में विपक्ष के नेता बन चुके हैं. विपक्ष के नेता के तौर पर सोमवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बोलते हुए राहुल गांधी आज मंझे हुए नेता के तौर पर बोल रहे थे. 2014 के बाद शायद पहली बार लोकसभा में ऐसा मंजर था कि राहुल गांधी के स्पीच के सामने बीजेपी असहाय दिख रही थी. राहुल को रोकने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी 2 बार उठे, राजनाथ सिंह भी 2 बार उठे, गृहमंत्री अमित शाह कम से कम 4 बार, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी एक बार उठे. राहुल बीजेपी को लगातार घेरते रहे. यह भी सही है कि कई पॉइंट्स पर राहुल गांधी सदन को गुमराह कर रहे थे.पर भारतीय राजनीति में सदन में गुमराह करने का फैशन अब पुराना हो गया है. हालांकि ये गलत परंपरा है पर राजनीति में अब जायज हो चुकी है.

1-राहुल भी कटाक्ष करने में माहिर हो गए
भारतीय राजनीति में नरेंद्र मोदी के आगमन के बाद भाषण कला में कटाक्ष की महत्वपूर्ण भूमिका हो गई है. कटाक्ष सुनने में जनता को भी मजा आता है. अभी तक राहुल गांधी का भाषण सीधा और सपाट होता था. इस कला में प्रधानमंत्री भारी पड़ते रहे हैं. पर आज इस कला का परिचय राहुल गांधी ने भी खूब दिया और बढ़िया दिया.

एक उदाहरण देखिए, राहुल ने पहले कहा कि प्रधानमंत्री ने बोला है मेरा डायरेक्ट कनेक्शन है भगवान से. ये मैंने नहीं पीएम मोदी ने बोला है. स्पीकर ने बीच में रोकते हुए कहा कि पीएम का सम्मान होना चाहिए. इस पर राहुल ने कहा, स्पीकर सर मैं पीएम की इज्जत कर रहा हूं. लेकिन पीएम ने खुद कहा कि मैं बायोलॉजिकल नहीं हूं. ये मैं नहीं कह रहा हूं. पीएम ने कहा है. पीएम मोदी को डायरेक्ट ऊपर से मैसेज आया और उन्होंने नोटबंदी कर दी. अरबपतियों की मदद के लिए जीएसटी और नोटबंदी की गई

दूसरा उदाहरण देखिए कि राहुल गांधी कैसे तंज कसते हैं. राहुल गांधी ने कहा कि इनकम टैक्स, ईडी सब स्मॉल बिजनेस ऑनर्स के पीछे पड़े रहते हैं जिससे अरबपतियों का रास्ता साफ हो. मैं गुजरात गया था, टेक्सटाइल इंडस्ट्री वालों ने बताया कि अरबपतियों का रास्ता साफ करने के लिए जीएसटी लाया गया. इस पर किसी ने कहा कि गुजरात भी जाते हैं क्या. राहुल गांधी ने कहा कि जाता रहता हूं. उन्होंने ये भी कहा कि इस बार गुजरात में आपको हराएंगे. लिख के ले लो आपको इस बार गुजरात में हराएंगे.

एक और उदाहरण लीजिए.राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि मोदीजी अयोध्या के लोगों की छोड़ो, बीजेपी वालों को डराते हैं. राजनाथ और गडकरी जी इनके सामने नमस्ते तक नहीं करते. इसके पहले राहुल गांधी बता चुके थे राजनाथ सिंह और गडकरी उन्हें हमेशा मुस्कुरा कर नमस्ते करते हैं.

राहुल ने स्पीकर ओम बिरला से कहा कि आप मुझसे हाथ मिलाते समय सीधे रहते हैं, मोदीजी से हाथ मिलाते समय झुकते हैं. अमित शाह ने इसे आसन का अपमान बताया. इसके बाद ओम बिरला ने कहा कि हमारे संस्कार हैं कि बड़ों के सामने झुकना चाहिए और बराबर के लोगों से कैसे मिलना है. राहुल गांधी ने कहा कि आप सदन के कस्टोडियन हैं, आपसे बड़ा कोई नहीं है. आपको किसी के सामने नहीं झुकना चाहिए. मैं आपके सामने झुकूंगा, पूरा विपक्ष आपके सामने झुकेगा. लोकसभा में स्पीकर से बड़ा कोई नहीं होता, स्पीकर का बयान ही आखिरी होता है.

2-मोदी-अमित शाह-राजनाथ सिंह का बार-बार खड़ा होना भी काम नहीं आया
राहुल लोकसभा में बीजेपी पर हमलावर थे और बीजेपी लगातार उन्हें घेरने का प्रयास कर रही थी. पर सफल नहीं हो पा रही थी. राहुल ने मोदीजी ने अपने भाषण में एक दिन कहा कि हिंदुस्तान ने कभी किसी पर हमला नहीं किया. इसका कारण है. हिंदुस्तान अहिंसा का देश है, यह डरता नहीं है. हमारे महापुरुषों ने यह संदेश दिया- डरो मत, डराओ मत. शिवजी कहते हैं- डरो मत, डराओ मत और त्रिशूल को जमीन में गाड़ देते हैं. दूसरी तरफ जो लोग अपने आपको हिंदू कहते हैं वो 24 घंटे हिंसा-हिंसा-हिंसा, नफरत-नफरत-नफरत. आप हिंदू हो ही नहीं. हिंदू धर्म में साफ लिखा है सच का साथ देना चाहिए.

राहुल गांधी के इस बयान पर एक समय ऐसा लगा कि बीजेपी इसे ट्रैप कर लेगी. सत्ता पक्ष के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया. पीएम मोदी खुदअपनी चेयर पर उठकर खड़े हुए और इसे गंभीर बात बताया. पीएम मोदी ने कहा कि पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना गंभीर बात है. इसके बावजूद हिंदू वाली बात मुद्दा नहीं बन पाया. राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी और बीजेपी पूरा हिंदू समाज नहीं है. गृह मंत्री अमित शाह भी उठे और कहा कि विपक्ष के नेता ने जो कहा, उन्हें इसकी माफी मांगनी चाहिए. इस धर्म पर करोड़ों लोग गर्व से हिंदू कहते हैं. मैं उनको गुजारिश करता हूं कि इस्लाम में अभय मुद्रा पर एक बार वो इस्लामिक विद्वानों की राय वो ले लें.

यही नहीं अग्निवीर , एमएसपी आदि के मुद्दे पर बोलते हुए राहुल गांधी को बीजेपी ने ट्रैप करने की कोशिश की पर सफल नहीं हो सकी.अग्निवीर के मुद्दे पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए राजनाथ सिंह 2 बार सफाई दिए. एमएसपी के मुद्दे पर शिवराज भी सफाई देने उठे.

3-सच झूठ से बेपरवाह
लोकसभा चुनावों में संविधान बचाओ नारे को मिले समर्थन के बाद से कांग्रेस को ये अहसास हो गया है कि झूठ या सही बस नरेटिव गढ़ने से ही विजय संभव है. शायद यही कारण है कि कॉन्फिडेंस के साथ नरेटिव सेट करने पर ही जो दिया जा रहा है. राहुल गांधी ने अग्निवीर के संबंध में जो भी कुछ बोला उसे तथ्यहीन ही कहा जा सकता है.किसानों के बारे में भी बोलते हुए उन्होंने कुछ बातें ऐसी कीं जिन्हें तथ्यात्मक रूप से गलत कहा जा सकता है.लेकिन राहुल गांधी जिस कॉन्फिडेंस के साथ अपनी बात रख रहे थे मायने वही रखता है. नेता का काम ही होता है कि वो सच या झूठ जो भी बोलो जनता उसे सही माने. इसलिए सही मायने में देखा जाए तो राहुल गांधी का भारतीय नेता वाला अवतार अब हो चुका है. गृहमंत्री अमित शाह ने शायद इसी लिए ही स्पीकर ओम बिरला से अपील की है कि तथ्यहीन बातों की जांच की जाए.

4-राहुल शुरू से हमलावर रहे
राहुल गांधी आज अपनी स्पीच में शुरू से ही हमलावर रहे . बीजेपी जब तक एक हमले का जवाब तैयार करती तब तक राहुल दूसरा फायर कर देते. संविधान के साथ सत्ता पक्ष के व्यवहार पर हमला करते हुए उन्होंने सबसे पहले बीजेपी पर देश की जनता को डराने का आरोप लगाया. सभी धर्मों का उदाहरण देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि सभी धर्म प्रेम करना सिखाते हैं . इसी संदर्भ में उन्होंने बीजेपी की कमजोर नस अयोध्या की हार पर बोलना शुरू किया. राहुल गांधी ने कहा कि भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या ने बीजेपी को मैसेज दिया. अवधेश पासी की ओर संकेत करते हुए उन्होंने कहा कि ये मैसेज आपके सामने बैठे हुए हैं. मैंने कल कॉफी पीते हुए इनसे पूछा कि हुआ क्या. आपको कब पता लगा कि आप अयोध्या में जीत रहे हो. इन्होंने कहा कि पहले दिन से पता था. अयोध्या में एयरपोर्ट बना, जमीन छिनी गई और आज तक मुआवजा नहीं मिला है. अयोध्या के इनॉगुरेशन में अयोध्या की जनता को बहुत दुख हुआ. अंबानी जी थे, अडानी जी थे, लेकिन अयोध्या का कोई नहीं था.

अभी अयोध्या की बात चल ही रही थी कि राहुल गांधी ने अग्निवीर मुद्दे को टार्गेट कर दिया. एक अग्निवीर की शहादत का जिक्र करते हुए कहा कि नरेंंद्र मोदी उसे शहीद नहीं कहते. उसके परिजनों को पेंशन नहीं मिलेगी. आम जवान को पेंशन मिलेगी, सरकार उसकी मदद करेगी लेकिन अग्निवीर को जवान नहीं कहा जा सकता. अग्निवीर यूज एंड थ्रो मजदूर है. राहुल गांधी ने कहा कि आप जवान और जवान के बीच में फूट डालते हो और फिर अपने आपको देशभक्त कहते हो. ये कैसे देशभक्त हैं. फिल्म स्टार जैसी फोटो थी उसकी. मैं सोच रहा था देखो.

राहुल गांधी ने कहा कि हिंदुस्तान के लिए पहली बार किसी राज्य से स्टेटहुड छिना गया. जम्मू कश्मीर से राज्य का दर्जा छिना गया. उन्होंने मणिपुर का मुद्दा उठाया और कहा कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के लिए ये एग्जिस्ट ही नहीं करता. हम मणिपुर गए और प्रधानमंत्री से यह अपील की कि मणिपुर को बचाइए. उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया. इस पर किसी ने जवाब के लिए कहा. फिर राहुल गांधी ने कहा कि इस पर जवाब नहीं आएगा.

राहुल गांधी ने कहा कि किसानों के लिए हमने जो भूमि अधिग्रहण बिल तैयार किया था सही मुआवजा दिलाने के लिए, उसे आपने रद्द कर दिया. सत्ता पक्ष की ओर से ऑथेंटिकेट करने की मांग पर राहुल ने कहा कि कर देंगे ऑथेंटिकेट.उन्होंने कहा कि किसानों को डराने के लिए तीन नए कानून लाए. प्रधानमंत्रीजी ने कहा आपके फायदे के कानून हैं. सच्चाई थी कि ये अंबानी-अडानी के फायदे के कानून थे. किसान सड़क पर आ गए. आप किसानों से बात तक नहीं करते. आप गले नहीं लगते, आप उन्हें आतंकी कहते हो. आप कहते हो ये सब आतंकी हैं. इस पर अमित शाह ने आपत्ति जताते हुए कहा कि वे इसे ऑथेंटिकेट करें. आप नियमों के परे जाकर उन्हें रियायत दे रहे हो, ऐसे नहीं चल सकता. राहुल गांधी ने कहा कि हमने किसानों के लिए सदन में मौन की बात की, आपने वो भी नहीं किया.

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