नई दिल्ली,
18वीं लोकसभा के लिए चुने गए कुछ सांसदों द्वारा हाल ही में शपथ लेते समय ‘जय फिलिस्तीन’, ‘जय हिंदू राष्ट्र’ जैसे नारे लगाने पर विवाद खड़ा होने के बाद शपथ ग्रहण प्रक्रिया को लेकर एक महत्वपूर्ण संशोधन पेश किया गया है. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन के कामकाज से संबंधित कुछ मामलों को रेगुलेट करने के लिए ‘अध्यक्ष के निर्देशों’ में ‘निर्देश-1’ में एक नया खंड जोड़ा है, जो पहले नियमों का हिस्सा नहीं था.
स्पीकर ने नियम 389 में संशोधन कर दिया है, जिसके मुताबिक अब शपथ के प्रारूप के अतिरिक्त कोई भी सांसद कुछ नहीं बोल सकेगा. कोई अन्य टिप्पणी या नारेबाजी नहीं कर पाएगा. किसी भी सदस्य द्वारा शपथ के प्रारूप से एक भी शब्द अलग बोलने की दशा में उसके खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार लोकसभा अध्यक्ष के पास सुरक्षित रहेगा. लोकसभा में प्रक्रिया और कार्य संचालन के लिए निर्धारित नियमों के नियम 389 के मुताबिक, अध्यक्ष ने निर्देशों में निम्नलिखित संशोधन किया है…
नए नियम के मुताबिक, ‘संसद के सदस्य, भारत के संविधान की तीसरी अनुसूची में निर्धारित शपथ प्रारूप के अनुसार ही शपथ लेगा या प्रतिज्ञान करेगा और उस पर हस्ताक्षर करेगा. इसके अलावा वह शपथ लेते समय अपनी तरफ से किसी भी शब्द या अभिव्यक्ति का उपयोग नहीं करेगा या कोई टिप्पणी नहीं करेगा’. सांसदों के लिए संविधान में निर्धारित शपथ प्रारूप निम्न लिखित है…
‘मैं, अमुक, जो लोकसभा या राज्यसभा का सदस्य निर्वाचित (या नामनिर्देशित) हुआ हूँ, ईश्वर की शपथ लेता हूँ/सत्यनिष्ठा से प्रतिज्ञान करता हूँ कि मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूँगा, मैं भारत की प्रभुता और अखंडता अक्षुण्ण रखूँगा तथा जिस पद को मैं ग्रहण करने वाला हूँ उसके कर्तव्यों का श्रद्धापूर्वक निर्वहन करूँगा.’
बता दें कि हाल ही में जब 18वीं लोकसभा के नवनिर्चाचित सदस्यों को शपथ ग्रहण हो रहा था, तो उनमें से कुछ ने शपथ लेने के बाद अपनी ओर से नारेबाजी की थी. हैदराबाद के सांसद और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शपथ ग्रहण के बाद ‘जय भीम, जय मीम, जय फिलिस्तीन’ का नारा लगाया था. इसके बाद सांसदों द्वारा शपथ ग्रहण के बाद नारेबाजी का एक सिलसिला शुरू हो गया था. बरेली के बीजेपी सांसद छत्रपाल गंगवार ने शपथ ग्रहण के बाद ‘जय हिंदू राष्ट्र’ का नारा लगाया था. गाजियाबाद के बीजेपी सांसद अतुल गर्ग ने ओवैसी के ‘जय फिलिस्तीन’ के जवाब में ‘अटल बिहारी वाजपेयी जिंदाबाद… नरेंद्र मोदी जिंदाबाद…’ के नारे लगा दिए.
इस पर विपक्षी सांसदों ने आपत्ति जतायी तो उन्होंने एक कदम आगे बढ़ते हुए ‘डॉक्टर हेडगेवार जिंदाबाद’ का नारा लगा दिया. बता दें कि डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक थे. सांसदों के इस व्यवहार को लेकर स्पीकर ओम बिरला ने नाराजगी व्यक्त की थी और उन्होंने उसी वक्त संकेत दिए थे कि इस तरह की हरकत को रोकने के लिए वह सख्त कदम उठाए जाएंगे. नियम 389 में बदलाव का उद्देश्य शपथ ग्रहण प्रक्रिया की पवित्रता को बनाए रखना है