नई दिल्ली
भारत ने 2024 की पहली छमाही में 5G स्मार्टफोन बाजार में अमेरिका को पीछे छोड़ दिया है। काउंटरपॉइंट रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, शाओमी, वीवो और सैगसंग जैसे ब्रांड के सस्ते फोन की वजह से भारत चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा 5G स्मार्टफोन मार्केट बन गया है। दुनियाभर में 5G स्मार्टफोन की बिक्री में 20% की बढ़ोतरी हुई है। आईफोन 15 और 14 सीरीज की लोकप्रियता से एपल 25% से ज्यादा मार्केट शेयर के साथ सबसे आगे रहा। गैलेक्सी A और S24 सीरीज के साथ सैमसंग ने 21% से ज्यादा शेयर के साथ दूसरा स्थान बनाया। शाओमी तीसरे स्थान पर रहा। ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने इसके विकास में बड़ा योगदान दिया।
शाओमी को भारत में तीन अंकों में और मध्य पूर्व, अफ्रीका, यूरोप और चीन में दो अंकों में बढ़ोतरी देखने को मिली। वीवो ने भारत, चीन और अन्य उभरते एशियाई बाजारों में काफी तरक्की की। कैरिबियन, लैटिन अमेरिका, भारत, मध्य पूर्व, अफ्रीका और उत्तरी अमेरिका में शानदार प्रदर्शन के साथ मोटोरोला शीर्ष 10 में सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाला ब्रांड बन गया।
लगातार बढ़ रही है 5जी स्मार्टफोन की बिक्री
ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, काउंटरपॉइंट रिसर्च के वरिष्ठ विश्लेषक प्रचीर सिंह ने कहा, ‘5G स्मार्टफोन की बिक्री लगातार बढ़ रही है। ज्यादा किफायती 5G फोन आ रहे हैं। उभरते बाजारों में ग्राहक कम कीमतों पर भी 5G डिवाइस खरीद रहे हैं।’
कैरिबियन और लैटिन अमेरिका (CALA) 63% की सालाना बढ़ोतरी के साथ सबसे तेजी से बढ़ने वाला क्षेत्र बन गया है। इसका कारण मेक्सिको और ब्राजील जैसे देश हैं। ग्लोबल स्तर पर 5G स्मार्टफोन की खरीद में CALA का योगदान 14% और कुल 5G शिपमेंट में 6% रहा। वहीं, एशिया-प्रशांत क्षेत्र ने 63% ग्लोबल 5G स्मार्टफोन की खरीद और 58% कुल 5G शिपमेंट के साथ अग्रणी स्थान हासिल किया।
ग्लोबल इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोर्ट में भारत की रैंकिंग सुधरी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 के अनुसार, अमेरिकी स्मार्टफोन दिग्गज एपल ने वित्त वर्ष 2023-24 में वैश्विक स्तर पर बनने वाले आईफोनों का 14% भारत में असेंबल किया। भारत ने ग्लोबल इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोर्ट में अपनी रैंकिंग में चार स्थानों की बढ़त हासिल की है। इलेक्ट्रॉनिक्स में मोबाइल फोन सबसे तेजी से बढ़ने वाला क्षेत्र था। इसका अमेरिका को निर्यात वित्त वर्ष 2022-23 में 2.2 अरब डॉलर से बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 5.7 अरब डॉलर हो गया।