अडानी और केन्या सरकार के ‘गुप्त’ समझौते का खुलासा पड़ा भारी! बातचीत उजागर करने वाले ने बताया जान का

नई दिल्ली:

अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी की कथित बातचीत का खुलासा करने वाले शख्स को अपनी जान का खतरा है। इस शख्स का नाम नेल्सन अमेन्या (Nelson Amenya) है। इस शख्स ने अडानी और केन्या सरकार के बीच एयरपोर्ट की लेकर हुई कथित गुप्त बातचीत का खुलासा किया था। अमेन्या के इस खुलासे के बाद काफी हंगामा हुआ था। अमेन्या ने कहा कि उन्हें इस खुलासे का कोई पछतावा नहीं है। उन्होंने कहा कि अब उन्हें डर है कि केन्या सरकार की ओर से उनकी जान को खतरा है।

पहले जानें क्या है मामला
अडानी ने केन्या के प्रमुख एयरपोर्ट जोमो केन्याटा (JKIA) के रखरखाव को लेकर केन्या सरकार के साथ बातचीत की थी। JKIA अफ्रीका के सबसे व्यस्त एयरपोर्ट में से एक है। लेकिन यहां अक्सर बिजली जाती रहती है। साथ ही इसकी छतों से पानी भी टपकता रहता है। ऐसे में इसकी मरम्मत की जरूरत है।

अडानी ने इस एयरपोर्ट में 1.85 बिलियन डॉलर के निवेश की पेशकश की थी। न्यूज एजेंसी AFP की एक खबर के अनुसार इस बातचीत पूरी तरह से सीक्रेट रखने पर भी बात हुई थी। ऐसे में जाहिर तौर पर अन्य बोलियों को आमंत्रित करने का कोई प्रयास नहीं किया गया।

अमेन्या में जुलाई में खोले राज
व्हिसलब्लोअर अमेन्या ने इस बातचीत से जुड़े पेपर जुलाई में एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर शेयर किए थे। इन डॉक्यूमेंट्स से पता चला कि अडानी ग्रुप इस एयरपोर्ट को 30 साल के लिए पट्टे पर लेने के लिए कई महीने से बातचीत कर रहा था।अमेन्या ने एएफपी को बताया कि शर्तों के कारण वे इसे सार्वजनिक नहीं करना चाहते थे। अडानी 30 साल के पट्टे के बाद भी हवाई अड्डे में 18 फीसदी इक्विटी रखना चाहते थे।

बाद में मच गया था हंगामा
अमेन्या के इस खुलासे के बाद काफी हंगामा मच गया था। इस कारण एयरपोर्ट के कर्मचारियों ने हड़ताल कर दी थी। साथ ही इस बातचीत को लेकर संसदीय जांच की सिफारिश की थी। अडानी की ओर से पेश की गई निवेश की रकम को काफी कम बताया गया। इस डील का विरोध करने वालों का कहना है कि एयरपोर्ट की स्ट्रेटेजिक वैल्यू को देखते हुए यह बहुत कम है। इसकी फीस केन्या के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 5 फीसदी है।

अपनी सुरक्षा को लेकर क्या कहा अमेन्या ने?
अमेन्या केन्या के नागरिक हैं और फ्रांस में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। अमेन्या का कहना है कि उस बातचीत का खुलासा करने के बाद उन्हें कई मोर्चें पर निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उनके इस खुलासे के बाद केन्या के आपराधिक जांच निदेशालय ने कार्रवाई शुरू कर दी।

उन्होंने कहा कि निदेशालय ने उनकी कार्बन क्रेडिट फर्म को पत्र लिखकर उन पर नकली क्रिप्टोकरेंसी बेचने का आरोप लगाया। वह इस फर्म के को-फउंडर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके विरोधी फ्रांसीसी वकीलों के माध्यम से उन तक पहुंच चुके हैं और उन्हें चुप रहने का आदेश दे चुके हैं।

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