कटिहार
बिहार में एनडीए की सरकार नीतीश कुमार के नेतृत्व में विकास की नई ऊंचाईयां छू रहा है। राज्य में हाईटैक अस्पताल हैं। कई अस्पतालों का निर्माण चल रहा है। लेकिन कटिहार सदर अस्पताल से जो वीडियो सामने आया है, उसने बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय की व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।दरअसल कटिहार सदर अस्पताल में लाइट कट हो जाने की वजह से मरीज और डॉक्टरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। लाइट नहीं रहने से चिकित्सकों को मोबाइल की टोर्च की रोशनी में इलाज करना पड़ रहा है। ऐसा तब है, जब सदर अस्पताल में दो-दो जनरेटर मौजूद हैं।
बिजली जाते ही अंधेरे में ‘डूब’ जाता है सदर अस्पताल
जानकारी के मुताबिक सदर, अस्पताल में दो-दो जनरेटर हैं, लेकिन बिजली जाने के बाद सदर अस्पताल अंधेरे में तब्दील हो जाता है। इससे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सदर अस्पताल में अंधेरे में इलाज होने की मामले में स्थानीय समाजसेवी विप्लव सिंह कहते हैं कि सदर अस्पताल में नई बिल्डिंग का निर्माण हुआ, मुझे नहीं लगता है कि कोई कमी होगी। सदर अस्पताल अगर अंधेरे में रहता है तो सदर विधायक को इस मामले को जरूर देखना चाहिए और इस पर संज्ञान लेना चाहिए।
हॉस्पिटल की इस हालत के लिए अस्पताल प्रशासन जिम्मेदार: बीजेपी नेता
वहीं अधिवक्ता सह भाजपा नेता भास्कर सिंह कहते हैं कि आए दिन सदर अस्पताल की खबरें लगातर सामने आती हैं। कभी मरीज को स्ट्रेचर नहीं मिलता है, कभी डॉक्टर की लापरवाही से मौत का मामला सामने आता है। फिर अस्पताल अंधेरे में रहता है। बिहार के मुख्यमंत्री ने अस्पताल को नई बिल्डिंग दी, लेकिन अस्पताल प्रशासन की विफलता का नतीजा है कि अस्पताल इस हालत में है।
मामले पर संज्ञान लें सदर विधायक: राजद नेता
वहीं राजद के युवा प्रदेश सचिव आशु पांडे ने मामले पर कहा कि सदर अस्पताल के बिल्डिंग का निर्माण हुआ, लेकिन सदर अस्पताल में बिजली जाने के बाद मरीज और चिकित्सक अंधेरे में रहते हैं। यह मामला करीब 1 साल से चल रहा है। दो-दो जनरेटर होने का कोई फायदा नहीं है। इस पर सदर विधायक को संज्ञान में लेना चाहिए। इस मामले में अगर कोई पहल नहीं की जाती है तो आने वाले समय मे आंदोलन किया जाएगा।