भोपाल
मध्य प्रदेश में लाडली बहना को तगड़ा झटका लगने वाला है। जनवरी 2025 में 1.63 लाख महिलाएं अपात्र होने वाली हैं। इसके बाद वह लाडली बहना नहीं रह पाएंगी। लाडली बहना के लिए पात्रता उम्र 60 साल है। 60 पार की महिलाएं लाडली बहना नहीं रह पाएंगी। ओवरएज की वजह से मध्य प्रदेश में लाडली बहनों की संख्या घट जाएगी। वहीं, अभी नए नाम जुड़ नहीं रहे हैं। लाडली बहनों की घटती संख्या को लेकर पूर्व सीएम कमलनाथ ने मोहन सरकार पर निशाना साधा है।
1.26 करोड़ महिलाओं को मिलेगा लाभ
वहीं, 1.63 लाख महिलाएं घटने के बाद अब सिर्फ 1.26 करोड़ महिलाओं को ही 1250 रुपए की किस्त मिलेगी। दिसंबर 2024 में 1.28 करोड़ महिलाओं को 1572 करोड़ रुपए दिए गए थे। इस किस्त के लिए सरकार ने 31 दिसंबर 2024 को 5 हजार करोड़ का कर्ज लिया था, जिसका भुगतान 1 जनवरी 2025 को कर दिया गया।
नहीं जुड़ रहे हैं नए नाम
इसके साथ ही योजना में नए नाम नहीं जुड़ रहे हैं, बल्कि उम्र और दूसरी शर्तों के कारण नाम कटते जा रहे हैं। इस योजना की शुरुआत में 1.31 करोड़ से ज़्यादा आवेदन आए थे। आपत्तियों के बाद 2.18 लाख नाम काट दिए गए थे। अब यह संख्या 1.26 करोड़ रह गई है। नाम कटने का सबसे बड़ा कारण 60 साल की उम्र पूरी होना है। इसके अलावा जिन महिलाओं की मृत्यु हो जाती है या जो खुद लाभ छोड़ देती हैं, उनके नाम भी हटा दिए जाते हैं।
महिलाओं को हर महीने मिलते हैं 1250 रुपए
गौरतलब है कि इस योजना के तहत पात्र महिलाओं को हर महीने 1250 रुपए दिए जाते हैं। हालांकि, हाल ही में सरकार ने घोषणा की है कि जनवरी 2025 से 1.63 लाख महिलाओं को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि इन महिलाओं की उम्र 60 साल से अधिक हो गई है और अब वे योजना की पात्रता मानदंडों को पूरा नहीं करतीं।
कमलनाथ ने साधा निशाना
वहीं, कमलनाथ ने एक्स पर लिखा कि मध्य प्रदेश में लाडली बहनों से डॉक्टर मोहन यादव सरकार की धोखाधड़ी जारी है। ऐसा लगता है जैसे भाजपा लाडली बहना योजना समाप्त करना चाहती है। उन्होंने लिखा कि प्रदेश में 1.63 लाख लाडली बहनें इस योजना से बाहर कर दी गई है। दावा ये किया जा रहा है कि जिन महिलाओं की उम्र 60 वर्ष से अधिक हो गई है, उन्हें योजना से बाहर किया जा रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि जिन महिलाओं की उम्र योजना में शामिल होने के लिए पात्र बन गई है उनका नया पंजीकरण क्यों नहीं किया जा रहा है?