दमोह
मध्य प्रदेश के दमोह जिले से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। जिला मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर दूर बरोदा गांव में एक झोपड़ी में आग लगने से तीन बच्चियों की जान चली गई। मृत बच्चियों में दो बहनें, 5 साल की जाह्नवी और 3 साल की कीर्ति शामिल हैं। तीसरी बच्ची, जो सिर्फ़ पांच महीने की थी उसने भी इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
पुलिस के अनुसार गुरुवार 9 जनवरी को परिवार झोपड़ी के अंदर एक चूल्हे पर आलू उबाल रहा था, तभी झोपड़ी में आग लग गई। बच्चियों के पिता गोविंद आदिवासी झोपड़ी के पास ही काम कर रहे थे और उनकी पत्नी कुछ मिनट पहले ही किसी काम से बाहर गई थीं। बच्चियों की मां ने पुलिस को बताया, “मैं बस कुछ देर पहले ही किसी काम से बाहर गई थी और अपने पति से बात करने के लिए मुश्किल से 200 मीटर दूर थी। तभी अचानक झोपड़ी में आग लग गई।” माता-पिता दोनों दौड़कर मौके पर पहुंचे और अपनी बेटियों को बचाने की कोशिश करने लगे।
पांच महीने की बच्ची बेहोशी की हालत में मिली थी
आग देखकर कुछ अन्य लोग भी दौड़े और आग बुझाने के लिए पानी डालने लगे, लेकिन आग तेज़ी से फैल गई और बच्चियां अंदर फंस गईं। पुलिस को घटना की सूचना दी गई। पुलिस ने 5 साल की जाह्नवी और 3 साल की कीर्ति के शव बरामद किए हैं। पांच महीने की बच्ची बेहोश हालत में मिली थी। उसे तुरंत दमोह के एक अस्पताल ले जाया गया। गंभीर हालत के कारण, डॉक्टरों ने उसे बुधवार देर रात जबलपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। गुरुवार सुबह उसने भी दम तोड़ दिया।
सीएम ने की सहायता राशि की घोषणा
बच्चियों के पिता गोविंद आदिवासी ने पुलिस को बताया कि आग लगने का सही कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि उनका मोबाइल फोन भी आग में जल गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस घटना पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने मृतक बच्चियों के परिवार को 4-4 लाख रुपये प्रति परिवार की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर यह घोषणा साझा करते हुए शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की। प्रशासन सबूत इकट्ठा कर रहा है और इस दुखद घटना के बारे में पूरी जानकारी जुटा रहा है।