दिल्ली चुनाव में अरविंद केजरीवाल ने खेला जाट आरक्षण का दांव, बीजेपी ने ऐसे किया पलटवार

नई दिल्ली

देश की राजधानी दिल्ली में कड़ाके की ठंड के बावजूद सियासी पारा गर्म है। दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीति दल एक-दूसरे पर हमलावर हैं। हर रोज अलग-अलग मुद्दों के साथ आम आदमी पार्टी (AAP) चुनावी रण में उतर रही है। गुरुवार को आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने जाट आरक्षण का दांव चलकर बीजेपी को घेरने की कोशिश की। वहीं बीजेपी ने जाट सैनिक और साहिब सिंह वर्मा के स्मारक का जिक्र छेड़कर आप पर पलटवार किया।

पीएम और गृहमंत्री ने जाटों को धोखा दिया: केजरीवाल
केजरीवाल अब दिल्ली चुनाव में जाट आरक्षण का मुद्दा लेकर सामने आए हैं और इस आरक्षण के नाम पर उन्होंने बीजेपी और केंद्र सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री को भेजे अपने पत्र में कहा है कि जाट समाज के साथ प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और भारतीय जनता पार्टी ने पिछले 10 साल से बहुत बड़ा धोखा किया है। दिल्ली सरकार की एक ओबीसी लिस्ट है। इस ओबीसी लिस्ट में जाट समाज का नाम आता है। लेकिन केंद्र सरकार की ओबीसी लिस्ट में दिल्ली का जाट समाज नहीं आता है। तो दिल्ली यूनिवर्सिटी में जब बच्चे एडमिशन लेने जाते हैं तो उसमें दिल्ली के जाट समाज को रिजर्वेशन नहीं मिलता। केंद्र सरकार के किसी भी कॉलेज में या यूनिवर्सिटी में जाते हैं या केंद्र सरकार के किसी भी संस्था जैसे दिल्ली पुलिस या डीडीए में नौकरी लेने जाते हैं तो दिल्ली के जाट समाज को उसमें रिजर्वेशन नहीं मिलता।

‘…लेकिन दिल्ली के जाट को रिजर्वेशन नहीं मिलता’
उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि बड़ी दिलचस्प बात है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी में जब एडमिशन लेने जाते हैं तो राजस्थान के जाट समाज को रिजर्वेशन मिलता है। लेकिन दिल्ली के जाट को कॉलेज में रिजर्वेशन नहीं मिलता। यह तो हमारे पूरे दिल्ली के जाट समाज के भाइयों और बहनों के साथ बहुत बड़ा अन्याय है। केजरीवाल ने कहा कि पिछले 10 साल में प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने जाट समाज के नेताओं को चार बार अपने घर बुला कर आश्वासन दिया, भरोसा दिया, वचन दिया, गारंटी दी कि दिल्ली के जाट समाज को केंद्र की ओबीसी लिस्ट के अंदर डाला जाएगा।

नई दिल्ली विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने कहा, ‘केजरीवाल की राजनीतिक जमीन खिसक गई है। पिछले 11 साल में उन्हें यह बिरादरी नहीं दिखीं, चुनाव आते ही उन्हें अब जाट याद आ रहे हैं। दिल्ली देहात के लिए एक भी काम नहीं किया। दिल्ली के जाट नेता पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा की समाधि बनाने के लिए पत्र तक का जवाब नहीं दिया।’

उन्होंने आगे कहा, ‘केजरीवाल ने देश के सैनिकों की बहादुरी दिखाने वाले जाट समुदाय के लोगों का विरोध किया है। केजरीवाल ने देश के सैनिकों की बहादुरी पर प्रश्न उठाया था। सेना में जाट समुदाय के सबसे ज्यादा लोग है। दिल्ली में पहली बार जाट मुख्यमंत्री डॉ. साहिब सिंह को बीजेपी ने ही बनाया था। देशद्रोही कहकर देशभक्त जाटों का अपमान केजरीवाल ने किया है।’ बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, ‘वह डूबते के लिए तिनके का सहारा ढूंढ रहे हैं। अब इन पत्रों से कुछ होने वाला नहीं है, जो लोग दिन-रात गिरगिट की तरह रंग बदलते हैं। उन्हें लोग भी समझ चुके हैं। जनता जानती है कि अरविंद केजरीवाल चुनाव हार रहे हैं, इसलिए नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं।’

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