केंद्र की OBC लिस्ट में नहीं आता दिल्ली का जाट… अरविंद केजरीवाल ने PM मोदी को लिखा पत्र, लगाए गंभीर आरोप

नई दिल्ली

दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा चुनाव से पहले पीएम मोदी को खत लिखा है। आज प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए केजरीवाल ने कहा कि पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इन लोगों ने पिछले 10 साल से बहुत बड़ा धोखा किया है। दिल्ली सरकार की एक ओबीसी लिस्ट है। इस लिस्ट में जाट समाज का नाम आता है। उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार की एक ओबीसी लिस्ट है उसमें दिल्ली का जाट समाज नहीं आता है। ऐसे में दिल्ली विश्वविद्यालय में जब जाट समाज के बच्चे एडमिशन के लिए जाते हैं तो वहां पर उन्हें रिजर्वेशन नहीं मिलता है।

अरविंद केजरीवाल ने जाट समाज के लिए पीएम मोदी को लिखा पत्र
अरविंद केजीरवाल ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर केंद्र से मांग की है कि दिल्ली के जाटों समेत सभी OBC जातियों को केंद्रीय OBC सूची में शामिल किया जाए। उन्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार पिछले 10 सालों से जाट समाज को झूठे वादे कर रही है। केजरीवाल ने याद दिलाया कि 2015 में केंद्र सरकार ने जाट नेताओं को बुलाकर उन्हें केंद्रीय OBC सूची में शामिल करने का आश्वासन दिया था। उन्होंने यह भी कहा कि 2019 में अमित शाह ने भी यही वादा किया था।

अरविंद केजरीवाल ने पत्र में क्या लिखा?
अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी को पत्र में लिखा कि एक महत्वपूर्ण विषय पर 10 साल पहले आपका किया वादा आपको याद दिलाने के लिए यह पत्र लिख रहा हूं। मेरी दिल्ली के जाट समाज के कई प्रतिनिधियों से पिछले कुछ दिनों में मुलाकात हुई। इन सभी ने केंद्र की ओबीसी लिस्ट में दिल्ली के जाट समाज की अनदेखी किये जाने पर चिंता जाहिर की। जाट समाज के प्रतिनिधियों ने मुझे बताया कि आपने 26 मार्च 2015 को दिल्ली के जाट समाज के प्रतिनिधियों को अपने घर बुलाकर ये वादा किया था कि जाट समाज, जो दिल्ली की ओबीसी लिस्ट में है, उसे केंद्र की ओबीसी लिस्ट में भी जोड़ा जाएगा ताकि उन्हें दिल्ली में मौजूद केंद्र सरकार के कॉलेजों और नौकरियों में आरक्षण का लाभ मिल सके। उसके बाद 8 फरवरी 2017 को श्री अमित शाह जी ने यूपी चुनाव से पहले चौधरी बीरेन्द्र सिंह जी के घर पर दिल्ली और देश के जाट नेताओं की मीटिंग बुलाई और उनसे वादा किया कि स्टेट लिस्ट में जो ओबीसी जातियां हैं उनको केंद्र की लिस्ट में जोड़ा जाएगा।

2019 के लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली में फिर बीजेपी सांसद श्री प्रवेश वर्मा के आवास पर अमित शाह जी जाट नेताओं से मिले और उन्होंने फिर वादा किया कि दिल्ली के जाट समाज को केंद्र की ओबीसी लिस्ट में शामिल किया जाएगा लेकिन चुनाव के बाद इस पर कोई काम नहीं हुआ। ओबीसी आरक्षण को लेकर केंद्र की नीतियों में कई गड़बड़ियां हैं जिनकी तरफ मैं आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं। जैसे कि मुझे पता चला कि केंद्र की ओबीसी लिस्ट में होने की वजह से राजस्थान से आने वाले जाट समाज के युवाओं को दिल्ली यूनिवर्सिटी में ओबीसी आरक्षण का लाभ मिलता है, लेकिन दूसरी तरफ़ दिल्ली के ही जाट समाज को दिल्ली यूनिवर्सिटी में ओबीसी आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है क्योंकि आपकी सरकार ने दिल्ली में जाट समाज को ओबीसी आरक्षण होने के बावजूद उन्हें केंद्रीय ओबीसी लिस्ट में शामिल नहीं किया है।

‘केंद्र सरकार कर रही पक्षपात’
अरविंद केजरीवाल ने पत्र में आगे लिखा कि सिर्फ जाट समाज ही नहीं रावत, रौनियार, राय तंवर, चारण व ओड, इन सभी जातियों को दिल्ली सरकार ने ओबीसी दर्जा दिया हुआ है, लेकिन केंद्र सरकार इन जातियों को दिल्ली में मौजूद अपने संस्थानों में ओबीसी आरक्षण का लाभ नहीं दे रही है।दिल्ली में केंद्र सरकार की सात यूनिवर्सिटी हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी के दर्जनों कॉलेज हैं। दिल्ली पुलिस, एनडीएमसी, डीडीए, एम्स, सफ़दरजंग, राम मनोहर लोहिया जैसे केंद्र सरकार के कई संस्थानों में नौकरियां हैं जिनमें केंद्र सरकार के नियम लागू होते हैं। ऐसे में केंद्र सरकार की इस वादाखिलाफी की वजह से दिल्ली के ओबीसी समाज के हज़ारों युवाओं के साथ अन्याय हो रहा है। दिल्ली में जाट समाज व ओबीसी की 5 अन्य जातियों के साथ केंद्र सरकार का ये पक्षपातपूर्ण रवैया इन जातियों के युवाओं को शिक्षा और रोज़गार के उचित अवसर हासिल नहीं होने दे रहा है।

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