छात्रों के मोबाइल यूज पर लगेगी पाबंदी, किसी राज्य में पहली बार बनेगा ऐसा नियम, शिक्षा मंत्री ने शुरू की तैयारी

अहमदाबाद,

देशभर में पहली बार गुजरात सरकार स्कूली छात्रों के बीच सोशल मीडिया और स्मार्टफोन के बढ़ते उपयोग के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए गाइडलाइन जारी करने जा रही है. राज्य के शिक्षा मंत्री प्रफुल्ल पानशेरिया ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि यह गाइडलाइन छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों को ध्यान में रखकर बनाई जाएगी.

सोशल मीडिया का बढ़ता प्रभाव
सोशल मीडिया और स्मार्टफोन का अत्यधिक उपयोग बच्चों की पढ़ाई, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डाल रहा है. बच्चे खेल-कूद जैसी गतिविधियों से दूर होते जा रहे हैं, जिससे उनकी शारीरिक और मानसिक विकास में बाधा आ रही है. इस समस्या को देखते हुए शिक्षा मंत्री ने उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक कदम उठाने पर चर्चा की.

एक्सपर्ट की मदद से बनेगी गाइडलाइन
शिक्षा मंत्री ने बताया कि गाइडलाइन तैयार करने के लिए चिल्ड्रेन्स यूनिवर्सिटी, टीचर्स यूनिवर्सिटी और मनोचिकित्सकों की मदद ली जाएगी. इसका उद्देश्य बच्चों को सोशल मीडिया और स्मार्टफोन के अत्यधिक उपयोग से दूर रखते हुए उन्हें पढ़ाई और खेलकूद में व्यस्त रखना है.

सख्त नियमों का होगा पालन
गाइडलाइन के तहत प्राथमिक स्कूलों में छात्रों के लिए मोबाइल फोन लाने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा. साथ ही, शिक्षकों को कक्षा में मोबाइल फोन के उपयोग से रोका जाएगा. स्कूलों में छात्रों को पढ़ाई और खेल जैसी गतिविधियों में व्यस्त रखने के लिए शिक्षकों को विशेष निर्देश दिए जाएंगे

अभिभावकों और शिक्षकों की भूमिका अहम
अभिभावकों को यह सुझाव दिया जाएगा कि वे बच्चों के सामने सोशल मीडिया का उपयोग न करें. साथ ही, उन्हें अपने बच्चों को स्मार्टफोन और सोशल मीडिया से दूर रखने के महत्व को समझने के लिए जागरूक किया जाएगा. इसके लिए हर स्कूल में एक लघु फिल्म के माध्यम से सोशल मीडिया के दुष्प्रभावों पर जानकारी दी जाएगी. शिक्षा मंत्री ने गैर सरकारी संगठनों, धार्मिक संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और मीडिया से अपील की कि वे इस अभियान में सरकार का साथ दें. बच्चों के लिए जागरूकता अभियान को चिल्ड्रेन्स यूनिवर्सिटी और टीचर्स यूनिवर्सिटी के सहयोग से आगे बढ़ाया जाएगा.

मंत्री पानशेरिया ने दावा किया कि इस प्रकार की गाइडलाइन जारी करने वाला गुजरात देश का पहला राज्य होगा. यह पहल न केवल छात्रों के लिए फायदेमंद होगी बल्कि शिक्षकों और अभिभावकों को भी बच्चों के भविष्य के प्रति अधिक जागरूक बनाएगी. में पहली बार बनेगा ऐसा नियम, शिक्षा मंत्री ने शुरू की तैयारी

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