अफगानिस्तान से UAE पहुंचा अमेरिका का मोस्ट वांटेड, सिराजुद्दीन हक्कानी की विदेश यात्रा पर इतना हल्ला क्यों?

काबुल

तालिबान के आंतरिक मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी ने इस सप्ताह देश के खुफिया प्रमुख अब्दुल हक वसीक के साथ संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की यात्रा की। इसे सिराजुद्दीन हक्कानी की पहली ज्ञात विदेश यात्रा के तौर पर देखा जा रहा है। हक्कानी अमेरिका की जांच एजेंसी एफबीआई का मोस्ट वांटेड है। उस पर लाखों डॉलर का इनाम भी है। हक्कानी अमेरिकी सैनिकों के अलावा भारतीय उच्चायोग पर आत्मघाती बम हमले का भी मास्टरमाइंड है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर हक्कानी यूएई की यात्रा पर क्यों गया।

अमेरिका-भारत से संपर्क करना चाहता है हक्कानी
अफगानिस्तान के एक पूर्व सुरक्षा अधिकारी के अनुसार, इस यात्रा से कई उद्देश्य पूरे हो सकते हैं, जिसमें हक्कानी नेटवर्क और भारत के बीच संबंधों को बेहतर बनाना, अमेरिका के साथ कैदियों के आदान-प्रदान को आगे बढ़ाना और तालिबान की सत्ता संरचना के भीतर हक्कानी की स्थिति को मजबूत करना शामिल है। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने मंगलवार, 21 जनवरी को एक्स पर एक पोस्ट के हक्कानी के यूएई की यात्रा की घोषणा की थी।

हक्कानी ने यूएई के राष्ट्रपति से मुलाकात की
मुजाहिद ने कहा कि हक्कानी ने “पारस्परिक हितों, क्षेत्रीय स्थिरता, अफगानिस्तान के आर्थिक विकास और अन्य महत्वपूर्ण मामलों” पर चर्चा करने के लिए यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से मुलाकात की। यह हक्कानी की यूएई की दूसरी यात्रा है। इससे पहले सिराजुद्दीन हक्कानी अप्रैल 2024 में यूएई की गुप्त यात्रा पर गया था। इन दोनों मौकों पर, तालिबान सरकार में खुफिया प्रमुख अब्दुल हक वसीक उसके साथ थे। हक्कानी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध सूची में बना हुआ है, इसके बावजूद वह अंतरराष्ट्रीय यात्राएं कर रहा है।

हक्कानी की विदेश यात्रा महत्वपूर्ण क्यों
सिराजुद्दीन हक्कानी की यात्रा ऐसे वक्त हो रही है, जब अमेरिका और तालिबान ने हाल में ही कैदियों का आदान-प्रदान किया है। इसके अलावा अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शपथ ली है। इसके अलावा इस समय अफगानिस्तान के शरणार्थी मंत्रालय में हाल की नियुक्तियों को लेकर हक्कानी नेटवर्क और कंधारी गुटों के बीच भंयकर तनाव है। ऐसे में तालिबान के भीतर आंतरिक विवाद के वक्त हक्कानी की विदेश यात्रा को एक शक्ति प्रदर्शन के तौर पर भी देखा जा रहा है।

यूएई से लंबे समय से संपर्क में है हक्कानी
पूर्व सुरक्षा अधिकारी के अनुसार, हक्कानी नेटवर्क के यूएई के साथ संबंध पिछले अफगान गणराज्य के दौरान विकसित हुए हैं। हाल के वर्षों में ये संबंध मजबूत हुए हैं। हक्कानी नेटवर्क में एक प्रमुख व्यक्ति अनस हक्कानी ने यूएई के साथ संबंधों को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सूत्र ने कहा कि कतर से नजदीकियों के बावजूद हक्कानी नेटवर्क के साथ यूएई के संबंध मजबूत हुए हैं। हालांकि, इस तरह के संबंध तालिबान के भीतर आंतरिक प्रतिद्वंद्विता को और बढ़ा सकते हैं।

About bheldn

Check Also

बर्थराइट सिटीजनशिप पर प्रहार करने वाले ट्रंप के आदेश के खिलाफ 20 से ज्यादा राज्यों ने किया मुकदमा, लेकिन क्या वे उन्हें रोक पाएंगे?

वॉशिंगटन अमेरिका में मंगलवार को डेमोक्रेटिक स्टेट अटॉर्नी जनरल के गठबंधन ने डोनाल्ड ट्रंप के …