भोपाल,
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में महज 8 दिन पहले जिस आंबेडकर फ्लाईओवर का उद्घाटन हुआ था, उसमें एक हफ्ते के अंदर ही गड्ढे दिखने लगे. पीडब्ल्यूडी के अपर मुख्य सचिव ने फ्लाईओवर का निरीक्षण किया और दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया. वहीं चीफ इंजीनियर ब्रिज और एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को नोटिस जारी किया गया है.
23 जनवरी को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल के इस फ्लाईओवर का उद्घाटन किया था. उद्घाटन के बाद से ही फ्लाईओवर की डिजाइन और गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे थे. बीते 2 दिनों से फ्लाईओवर के बोर्ड ऑफिस चौराहे के ठीक ऊपर वाले हिस्से में गड्ढे दिखने लगे थे.
इसके बाद पीडब्ल्यूडी के अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई ने फ्लाईओवर का निरीक्षण किया. निरीक्षण दल ने पाया कि फ्लाईओवर के दोनों ओर क्रैश बैरियर और मुख्य केरिज-वे के बीच की लगभग 18 इंच चौड़ी पटरी की गुणवत्ता बेहतर नहीं है. इस पटरी को मुख्य स्लैब से जोड़ने के कार्य में कमी देखी गई, जिसके कारण कई स्थानों पर मुख्य स्लैब और पटरी के जोड़ों में गड्ढे दिखाई दिए.
अधिकारियों ने बताया कि करीब 3 किलोमीटर लंबे 4 लेन के इस एलिवेटेड कॉरिडोर की डिजाइन, सुरक्षा और स्ट्रक्चरल गुणवत्ता में कोई कमी नहीं है, लेकिन राइडिंग सरफेस (Riding Surface) की क्वालिटी और फिनिशिंग संतोषजनक नहीं पाई गई. विशेष रूप से दो स्थानों पर जहां एक्सपेंशन जॉइंट लगाए गए हैं, वहां गड़बड़ी मिली.
दो अफसर निलंबित, 2 को थमाया नोटिस
गुणवत्ता में खामियों को देखते हुए पीडब्ल्यूडी, सेतु संभाग के उपयंत्री उमांकांत मिश्रा और प्रभारी सहायक यंत्री रवि शुक्ला को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया. यह दोनों अधिकारी परियोजना के प्रभारी थे. इनकी लापरवाही सामने आई है. इसके अलावा, पीडब्ल्यूडी सेतु संभाग भोपाल के कार्यपालन यंत्री जावेद शकील और सीई ब्रिज को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.
फ्लाईओवर बनाने वाली कंपनी के खिलाफ होगी कार्रवाई
पीडब्ल्यूडी के अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई ने निर्माण करने वाली कंपनी और अनुबंधकर्ता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. विभाग ने निर्माण कंपनी पर अनुबंध के अनुसार जुर्माना लगाने और सुधार कार्य अपने खर्चे पर कराने का आदेश दिया है