CAA और NRC के खिलाफ आंदोलन का सपोर्ट, PM मोदी को ऊटपटांग कहा, जानें भारत आने को तरस रहीं क्षमा सावंत कौन

मुंबई

वाशिंगटन के शहर सिएटल में रहने वाली इंडो-अमेरिकी अर्थशास्त्री क्षमा सावंत को वीजा दिलाने के लिए उनके समर्थकों ने ऑनलाइन मुहिम शुरू की है। सिएटल सिटी काउंसिल की मेंबर क्षमा सावंत पिछले तीन हफ्तों से इमरजेंसी वीजा का इंतजार कर रही हैं। भारत सरकार ने उनके उनके आवेदन को खारिज नहीं किया है मगर अभी तक मंजूरी नहीं दी है। अब क्षमा सावंत ने भारत सरकार पर राजनीतिक विद्वेष से बदला लेने और परेशान करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि बेंगलुरु में अपनी 82 वर्षीय मां से मिलने की उनकी बार-बार कोशिशें नाकाम रही हैं। अब वह कानून का रास्ता अपनाने पर विचार कर रही हैं।

नरेंद्र मोदी की कटु आलोचक हैं क्षमा सावंत
2020 के दौरान भारत में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ आंदोलन चल रहे थे। 51 साल की क्षमा सावंत ने सिएटल सिटी काउंसिल में सीएए और एनआरसी को भेदभावपूर्ण बताते हुए एक प्रस्ताव पास कराया था। इसके बाद सावंत ने पीएम नरेंद्र मोदी की कठोर आलोचना की थी। उन्होंने भारत में चले किसान आंदोलन के समर्थन में भी एक प्रस्ताव पारित कराया था। टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत करते हुए क्षमा सावंत ने दावा किया कि इस विरोध के कारण उनका वीजा बार-बार खारिज किया जा रहा है।

दो बार वीजा का एप्लिकेशन खारिज हुआ
भारत सरकार अभी तक दो बार क्षमा सावंत की वीजा एप्लिकेशन को खारिज कर चुकी है। 29 मई को उनके ई-वीजा का आवेदन ख़ारिज कर दिया गया था, जबकि उनके पति को भारत आने की मंजूरी मिल गई थी। उन्होंने अगले महीने फिर से आवेदन किया, लेकिन उसे भी ख़ारिज कर दिया गया। 9 जनवरी को तीसरी बार क्षमा सावंत और उनके पति केल्विन प्रीस्ट ने सिएटल में भारत के महावाणिज्य दूतावास में इमरजेंसी एंट्री वीजा के लिए आवेदन किया है। सावंत ने कहा कि इमरजेंसी वीजा के लिए उन्होंने अपना पासपोर्ट भी दूतावास में जमा किया था, जो उन्हें वापस नहीं किया गया है।

इमरजेंसी वीजा के लिए लगाई ई-याचिका
हालांकि 2022 में उन्हें भारत में अपनी बीमार मां से मुलाकात के लिए वीजा दिया गया था और वह इंडिया आई थीं। सावंत ने पिछले साल जून में विदेश मंत्री एस जयशंकर को भी लेटर लिखकर वीजा देने अपील की थी। लेटर के साथ डॉक्टर का एक नोट भी शामिल था, जिसमें बताया गया था कि उनकी मां वसुंधरा रामानुजम दो साल से इलाज करवा रही हैं और उनकी सेहत तेज़ी से बिगड़ रही है। उनका दावा है कि विदेश मंत्री के ऑफिस से उन्हें कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने अब अपना वीजा देने के लिए एक ई-याचिका शुरू की है।

क्षमा सावंत ने कहा कि मोदी सरकार राजनीतिक प्रतिशोध के कारण वीजा नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि अगर मोदी सरकार यह दावा करना चाहती है कि मुझे वीजा देने से इनकार करना मेरे ख़िलाफ़ राजनीतिक प्रतिशोध का मामला नहीं है, तो मुझे तुरंत वीजा दे ताकि मैं अपनी बीमार मां को देख सकूं। एक आधिकारिक सूत्र ने कहा कि कि यह एक संप्रभु राज्य का कार्य है, विदेश मंत्रालय आमतौर पर वीजा आवेदनों पर टिप्पणी नहीं करता है।

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