मोदी-ट्रंप की मीटिंग पर पड़ोसी चीन की भी है नजर, आखिर भारत के लिए क्यों जरूरी है अमेरिका?

नई दिल्ली

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका में हैं जहां वह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। इस मीटिंग पर भारत समेत पूरी दुनिया की नजर है। मोदी की यह यात्रा ऐसे वक्त हो रही है जब ट्रंप कई देशों पर टैरिफ लगाने की तैयारी में हैं। ट्रंप ने कनाडा, मेक्सिको और चीन पर टैरिफ लगाया था। कनाडा और मेक्सिको पर तो टैरिफ करीब एक महीने के लिए चल गया है लेकिन चीन पर लागू हो गया है। साथ ही ट्रंप ने कुछ और देशों पर इस हफ्ते टैरिफ लगाने की धमकी दी है। वह पहले ही भारत को टैरिफ किंग बता चुके हैं। ऐसे में भारत भी उनकी लिस्ट में शामिल हो सकता है। यही वजह है कि मोदी की इस यात्रा को काफी अहम माना जा रहा है।

अमेरिका 2021-22 और 2022-23 में भारत का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर था। 2023-24 में चीन मामूली रूप से आगे निकल गया। इस दौरान भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय व्यापार $118.4 अरब का रहा जबकि भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड $118.3 अरब का रहा। इससे इस बात को बखूबी समझा जा सकता है कि भारत के लिए अमेरिका की क्या अहमियत है। सबसे बड़ी बात यह है कि चीन के साथ ट्रेड में भारत घाटे में है जबकि अमेरिका के साथ ट्रेड सरप्लस में है। हालांकि अमेरिका के सबसे बड़े ट्रेडिंग पार्टनर्स की लिस्ट में भारत 10वें नंबर पर है।

भारत को होगा फायदा
ट्रंप ने अब तक भारत पर कोई टैरिफ नहीं लगाया है। लेकिन ट्रंप ने हाल ही में कहा है कि जो भी देश अमेरिकी सामान पर टैक्स लगाएंगे, उन पर भी जवाबी टैक्स लगाए जाएंगे। इसमें भारत भी शामिल है। भारत ऐसे टैरिफ से बचने के लिए तैयारी कर रहा है। भारत सरकार ने हाल ही में अपनी व्यापार नीतियों की समीक्षा की है। ऐसा माना जा रहा है कि अमेरिका के साथ ट्रेडको बढ़ावा देने के लिए किया गया है। ट्रंप भारत के टैक्स लगाने के तरीके के बारे में खुलकर बोलते रहे हैं। यही वजह है कि भारत टैक्स कम करने के लिए तैयार है। इसी महीने सरकार ने मोटरसाइकिल पर आयात शुल्क में कटौती की। इससे अमेरिकी बाइक कंपनी हार्ले डेविडसन को फायदा हुआ।

अमेरिका के ट्रेडिंग पार्टनर्स में मेक्सिको, कनाडा और चीन टॉप पर हैं। इन तीनों देशों के साथ अमेरिका का कुल ट्रेड दो ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा है। ट्रंप ने मेक्सिको और कनाडा पर 25% टैक्स लगाने की योजना बनाई है। वहीं चीनी सामान पहले से ही 10% टैक्स लागू है। विशेषज्ञों का कहना है कि चीन के साथ अमेरिका के तनावपूर्ण व्यापारिक रिश्तों से भारत को फायदा हो सकता है। भारत अमेरिका को ज्यादा टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रॉनिक्स और गहने निर्यात कर सकता है।

अमेरिका का ट्रेड डेफिसिट
अमेरिका भारत से मोती, कीमती पत्थर, दवा और बिजली के उपकरण आयात करता है। साल 2023 में भारत से अमेरिका जाने वाले शीर्ष पांच उत्पादों का एक्सपोर्ट 47 बिलियन डॉलर से अधिक था। दूसरी ओर भारत अमेरिका से कच्चा तेल और उससे जुड़े उत्पाद, रत्न और कीमती पत्थर, परमाणु रिएक्टर, बिजली और मेडिकल डेवाइस का आयात करता है। हाल के वर्षों में भारत के साथ व्यापार में अमेरिका का घाटा बढ़ता जा रहा है। साल 2024 में यह 45.7 अरब डॉलर पहुंच गया।

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