नई दिल्ली,
बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक याचिका को वापस लेने की इजाजत दी है, जिसमें मुंबई पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट दया नायक के खिलाफ जबरन वसूली के आरोप लगाए गए थे. तीन लोगों मोहम्मद वसीम अब्दुल लतीफ शेख, मुस्तफा जुल्फिकार चारनिया और तनवीर अब्दुल अजीज पर्यानी ने इस याचिका को कोर्ट में 2022 में दायर किया था.
याचिकाकर्ताओं की तरफ से पेश हुए वकील विजय झा ने कहा कि वे इस याचिका को वापस लेना चाहते हैं. जस्टिस सरंग कोटवाल और एसएम मोडक की बेंच के सामने सुनवाई के दौरान नायक के वकील श्रेयांस मिथारे ने यह तर्क दिया कि समान आधार पर 2020 में भी एक याचिका पहले दायर की गई थी, जो बाद में वापस ले ली गई थी.
चंदन की तस्करी में फंसाने की रची थी साजिश
अदालत से उन्होंने अनुरोध किया कि अब बिना किसी स्वतंत्रता के याचिका वापस ली जाए. इस पर विजय झा ने बिना शर्त याचिका वापस लेने पर सहमति जताई. याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि 2019 में अंबोली पुलिस स्टेशन में तैनात रहते हुए नायक ने एक चंदन की तस्करी के मामले में एक शख्स सैयद इनायत अली यावर अब्बास उर्फ मोहम्मद से 25 लाख रुपये की मांग की थी.
दया नायक को रंगे हाथ पकड़ने की बनाई गई थी योजना
मोहम्मद ने 10 लाख का भुगतान भी किया लेकिन शेष राशि नहीं दे सके. इसके बाद मोहम्मद और उनके दोस्तों ने इस मामले को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) के सामने रखा. ACB ने दया नायक को रंगे हाथ पकड़ने की योजना बनाई, लेकिन उसी दिन मुंबई में राहुल गांधी की रैली थी और नायक को वहां ड्यूटी पर तैनात कर दिया गया, इसलिए जाल विफल रहा.
इसके बाद आरोप है कि नायक ने आतंकवाद विरोधी दस्ते (ATS) के अधिकारियों के साथ मिलकर याचिकाकर्ताओं को एनडीपीएस एक्ट के तहत झूठे मामले में फंसाने की साजिश रची थी. याचिकाकर्ताओं की गिरफ्तारी अक्टूबर 2019 के मध्य में हुई थी और कुल 13 आरोपी इस केस में शामिल हैं.