फडणवीस ने शिंदे को दिया फिर झटका, आनंद दिघे के नाम पर शुरू योजना की बंद, कुछ तो गड़बड़ है

मुंबई:

महायुति सरकार की लोकप्रिय योजना ‘आनंद शिधा’ अब बंद कर दी गई है। यह योजना एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री बनने के बाद शुरू की गई थी। यह योजना शिंदे के राजनीतिक गुरु आनंद दिघे के नाम पर शुरू की गई थी। इस योजना के माध्यम से त्यौहारी सीजन के दौरान राज्य में 1 करोड़ 63 लाख लोग लाभान्वित हुए। लेकिन अब देवेंद्र फडणवीस सरकार के खजाने पर दबाव के कारण आनंदा राशन योजना को स्थगित कर दिया गया है।

क्या है ‘आनंद शिधा’ योजना?
दरअसल ‘आनंद शिधा’ योजना के माध्यम से राशन कार्ड धारकों को त्योहारी सीजन के दौरान एक किलोग्राम सूजी, एक किलोग्राम चीनी, एक किलोग्राम चना दाल और एक लीटर पाम ऑयल दिया जाता है। यह योजना शिंदे सरकार की ओर से गरीबों के त्योहारों को और अधिक खुशहाल बनाने के मकसद से शुरू की गई थी। लेकिन अब फडणवीस सरकार ने इस योजना को बंद कर दिया है।

शिंदे सरकार की योजना दरकिनार
नई सरकार के पहले बजट में आनंद शिधा योजना को दरकिनार कर दिया गया है। इस योजना के माध्यम से दशहरा, दिवाली और गुड़ी पड़वा जैसे त्योहारों के दौरान सिर्फ 100 रुपये में सूजी, चीनी, चना दाल और तेल उपलब्ध कराया गया। एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री बनने के बाद इस योजना की शुरुआत की। लेकिन अब नई सरकार ने इस योजना को बंद कर दिया है।

क्यों बंद की गई आनंद शिधा योजना
आनंद शिधा राशन योजना बंद होने के पीछे का सटीक कारण अभी तक सामने नहीं आया है। लेकिन चर्चा है कि यह योजना लाडली बहना योजना से प्रभावित हुई है। लाडली बहना योजना के कारण कई योजनाएं स्थगित कर दी गई हैं। मुख्यमंत्री की माझी लाडकी बहिन योजना ने सरकार के खजाने पर भारी बोझ डाल दिया है। इस साल इस योजना के लिए सरकार का प्रावधान पिछले वित्तीय वर्ष में किए गए प्रावधान से कम है। योजना की शर्तों का सख्ती से क्रियान्वयन किया जा रहा है। इससे महिला लाभार्थियों की संख्या कम हो जाएगी।

लाडली बहना योजना में कोई इजाफा नहीं
दरअसल यह वादा किया गया था कि यदि महायुति सरकार दोबारा सत्ता में आई तो महिलाओं को दिया जाने वाला प्रीमियम 1,500 रुपये से बढ़ाकर 2,100 रुपये कर दिया जाएगा। लेकिन सोमवार को पेश किए गए बजट में लाडली बहनों को मिलने वाली प्रीमियम राशि में कोई वृद्धि नहीं की गई।

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