पहले विस्फोट, फिर 1 घंटे तक गोलीबारी… जाफर एक्सप्रेस से रेस्क्यू किए चश्मदीदों ने बयां किया खौफनाक मंजर

नई दिल्ली,

बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने पाकिस्तान में क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस को बोलन में हाईजैक कर लिया. बीएलए का दावा है कि पिछले 24 घंटों में 30 से अधिक पाकिस्तानी सैनिकों और अन्य लोगों की हत्या की गई है. वहीं, पाकिस्तानी सेना ने रेस्क्यू करते हुए अब तक ट्रेन के अंदर फंसे 108 लोगों को मुक्त करा लिया है. इन यात्रियों को बचाने के लिए मालगाड़ी की मदद ली गई. बीएलए के चंगुल से छूटने के बाद चश्मदीदों ने उस भयानक मंजर की आपबीती बताई है.

पहले किया विस्फोट, फिर एक घंटे तक की गोलीबारी
बीएलए द्वारा हाईजैक की गई ट्रेन में मुश्ताक मुहम्मद भी थे. वह ट्रेन के तीन नंबर कोच में मौजूद थे. उन्होंने कहा कि ट्रेन पर हमला ‘एक बहुत बड़े विस्फोट से हुआ था. विस्फोट के बाद ट्रेन को अचानक रोक दिया गया था. जिसके कुछ ही देर बाद गोलीबारी शुरू कर दी गई. गोलीबारी एक घंटे तक जारी रही. इस गोलीबारी के दौरान घटनास्थल पर मौजूद कोई भी व्यक्ति बच नहीं सकता था.

इसी ट्रेन की बोगी नंबर सात में सवार इशाक नूर अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ क्वेटा से रावलपिंडी जा रहे थे. उन्होंने कहा कि ‘विस्फोट इतना तीव्र था कि ट्रेन की खिड़कियां और दरवाजे हिल गए और मेरे बगल में बैठा एक बच्चा गिर गया.’ जब गोलीबारी शुरू हुई और गोलियां कोचों पर लग रही थीं, तो इशाक नूर अपने एक बच्चे को लेकर नीचे उतर गए. इशाक के अनुसार लगभग पचास मिनट तक गोलीबारी जारी रही. उस दौरान लोग बेखबर थे क्योंकि उन्हें नहीं पता था कि आगे क्या होने वाला है.

एक झटके में कोच के अंदर ही 11 लोगों को मार दिया गया
धीरे-धीरे गोलीबारी बंद कर दी गई और फिर बंदूकधारी बोगियों में घुस गए. उन्होंने कुछ लोगों के आईडी कार्ड देखने शुरू कर दिए और उनमें से कुछ को एक तरफ ले गए. हमारी बोगी के दरवाज़ों पर तीन लोग पहरा दे रहे थे. उन्होंने लोगों से कहा कि उन्हें ‘नागरिकों, महिलाओं, बुज़ुर्गों और बलूचियों की परवाह नहीं है. सभी हथियारबंद बलूची भाषा में बात कर रहे थे और उनका नेता बार-बार उनसे कह रहा था कि सुरक्षाकर्मियों पर नज़र रखो. इशाक ने बताया कि उनके कोच में करीब ग्यारह लोगों को मार गिराया गया और कहा कि ये सभी सुरक्षाकर्मी हैं.

इशाक ने कहा कि इस दौरान एक व्यक्ति ने थोड़ा विरोध करने की कोशिश की तो उसे हिंसक तरीके से मार गिराया गया और फिर लोगों को डराने के लिए कई और राउंड फायरिंग की गई. जिससे बोगी में मौजूद सभी लोग डर गए और हथियारबंद लोगों के निर्देशों का पालन करने लगे. हालांकि इशाक ने बताया कि शाम को उन्होंने हमें बताया कि हम बलूचों, महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को नहीं मार रहे हैं.

इसी तरह ट्रेन में मोहम्मद अशरफ मंगलवार सुबह अपने प्रियजनों से मिलने के लिए क्वेटा से लाहौर जाफर एक्सप्रेस में सवार हुए थे. मोहम्मद अशरफ के मुताबिक चरमपंथियों ने बुजुर्गों, आम नागरिकों, महिलाओं और बच्चों को मार डाला. उन्होंने कहा कि रेस्क्यू होने के बाद हम तीन से चार घंटे पैदल चलकर स्टेशन पहुंचे. क्योंकि 24 घंटों तक बिना कुछ खाए कैद में रहने के बाद एनर्जी नहीं बची थी.

साथ ही रेस्क्यू किए गए अन्य लोग थक भी गए थे. इसके अलावा रेस्क्यू किए गए लोगों में महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे भी थे. ऐसे में वे ज्यादा तेज नहीं चल सकते थे. वहीं, रेस्क्यू होने में इसलिए भी ज्यादा समय लगा. क्योंकि कुछ लोग सामान साथ लेकर आ रहे थे. जबकि ट्रेन में कुछ बुजुर्ग लोग भी थे, जिन्हें कंधों पर उठाकर लाना पड़ा.

कयामत जैसा था मंजर
मोहम्मद अशरफ कहते हैं कि मेरे अनुमान के अनुसार, वे (चरमपंथी) अपने साथ करीब ढाई सौ लोगों को ले गए थे और उनकी संख्या भी तीस के करीब थी. इसी तरह बहावलपुर के यात्री बशीर अपनी पत्नी आलिया और दो बच्चों के साथ यात्रा कर रहे थे. उन्होंने कहा कि बंदूकधारियों ने हमें पीछे न देखने के लिए कहा था. हालांकि, रेस्क्यू के बाद हम पनीर रेलवे स्टेशन पहुंच गए हैं.

About bheldn

Check Also

बलूचिस्तान में जाफर एक्सप्रेस ट्रेन अपहरण पाकिस्तानी सेना के लिए ‘गुड न्यूज’, एक्सपर्ट ने बताया मुनीर का प्लान

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस ट्रेन के अपहरण ने पूरी …