पटना
दरभंगा की मेयर अंजुम आरा के बयान पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीजेपी द्वारा लगातार किए जा रहे हमलों के बाद मेयर अंजुम आरा बैकफुट पर आ गई हैं। उन्होंने अपने बयान पर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी मंशा दरभंगा में शांति बनाए रखने की थी।
उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, “मैंने अपने बयान पर खेद प्रकट किया है। सुबह से मेरे पास हर तरह के आदमी आ रहे हैं, कोई मुझे बांग्लादेशी कह रहा है, कोई देशद्रोही कर रहा है तो मैं मीडिया कर्मी भाइयों से यही कहना चाहती हूं कि ठीक है आप मेरे बारे में जांच करवा लीजिए, अगर कुछ ऐसा पुख्ता सबूत मिलता है तो मेरे पर जो सख्त कार्रवाई होती है, वो आप करवाइए।”
बीजेपी द्वारा लगातार किए जा रहे हमलों के सवाल पर उन्होंने कहा कि बीजेपी या किसी अन्य पार्टी की सोच को वो नहीं रोक सकती हैं। उनको जो सोचना है, वो सोचें। उन्होंने आगे कहा, “मेरी मंशा सिर्फ इतनी थी कि दरभंगा शहर में शांति बनी रहे, इसी संदर्भ में मैंने ये बोला था लेकिन अगर किसी की आस्था को ठेस पहुंची है तो मैं खेद व्यक्त करती हूं।”
अंजुम आरा ने क्या बयान दिया था?
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, दरभंगा की मेयर अंजुम आरा पीस कमेटी की एक मीटिंग में यह प्रस्ताव दिया कि शुक्रवार के दिन होली के त्योहार को जुमे की नमाज के लिए दो घंटे का ब्रेक दिया जाना चाहिए। बाद में मीडिया से बातचीत में कहा, “मेरी दलील थी कि जुमे की नमाज़ का समय टाला नहीं जा सकता। इसलिए दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक दो घंटे का ब्रेक होना चाहिए, इस दौरान हिंदू मस्जिदों के आस-पास के इलाकों में जाने से बचें। इससे दोनों धर्मों के लोग बिना किसी परेशानी के अपनी-अपनी परंपराएं निभा सकेंगे। हम समझते हैं कि होली साल में एक बार ही आती है। लेकिन हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि मुसलमानों के लिए यह रमज़ान का पवित्र महीना है।”
अवधेश प्रसाद बोले- बीजेपी सरकार ही भ्रम पैदा कर रही है
इस विवाद पर बयान देते हुए अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा कि विवाद कोई और नहीं बल्कि बीजेपी की डबल इंजन की सरकार के लोग ही पैदा कर रहे हैं। वे लोगों को भ्रमित कर रहे हैं ताकि वे हमारे देश की मौजूदा समस्याओं जैसे महंगाई, बेरोजगारी और कानून व्यवस्था पर चर्चा न करें। पुलिस, सरकार और प्रशासन यह सुनिश्चित करने के लिए मौजूद हैं कि सभी त्यौहार शांतिपूर्वक मनाए जाएं।