भोपाल
मध्य प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा विस्थापन किए जाने की तैयारी की जा रही है. वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने 2025-26 के बजट में इस विस्थापन का जिक्र किया है. यह विस्थापन मध्य प्रदेश की खनन राजधानी कहे जाने वाले सिंगरौली शहर का किया जाएगा. इसमें सिंगरौली में रहने वाले 50 हजार लोगों को नई जगह बसाया जाएगा. हालांकि, बजट में इसके लिए अलग से प्रावधान नहीं किया गया है. दरअसल, सिंगरौली में कोल का अकूत भंडार मिला है.
कोल के लिए शहर होगा शिफ्ट
मध्य प्रदेश के सिंगरौली को कोयले के खनन के लिए दुनिया भर में जाना जाता है. सिंगरौली में 2724 मिलियन टन कोयले का भंडार मौजूद हैं. यह सिंगरौली कोयला क्षेत्र के उत्तर पूर्वी भाग में करीब 220 किलोमीटर क्षेत्र को कवर करता है. आमतौर पर देश के कोयला क्षेत्रा में कोल सीम की मोटाई 30 मीटर तक ही होती है, लेकिन सिंगरौली में कोयला क्षेत्र में कोल सीम 138 मीटर तक की खोजी गई है. सिंगरौरी के झिंगुदरा में यह 162 मीटर तक है. नार्दर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड ने जांच में यहां कोयले का विशाल भंडार मिलने बाद इसके विस्तार की रणनीति बनाई है. इसके तहत सिंगरौली के मोरवा और आसपास के हिस्से को हटाया जाएगा.
50 हजार लोगों का होगा विस्थापन, बजट में दी मंजूरी
कोयले के खनन के लिए एनसीएल को कोल इंडिया बोर्ड की अनुमति मिल चुकी है. वहीं, अब मध्य प्रदेश सरकार ने भी इसके लिए विस्थापन की हरी झंडी दे दी है. मध्य प्रदेश के वर्ष 2025-26 के बजट में उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने इस विस्थापन को हरी झंडी दे दी है. बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि प्रदेश की खनन राजधानी कहे जाने वाले सिंगरौली को खनन के साथ विकास के मद्देनजर एक नए नगर के रूप में विकसित किया जा रहा है. इससे लगभग 50 हजार नागरिकों को एक नवीन एवं सुव्यवस्थित नगर की सुविधाएं मिल सकेंगी.
1485 हेक्टेयर भूमि होगी अधिग्रहित
सिंगरौली में अभी तक कोयला खनन मुहेर सब बेसिन में हो रहा है, लेकिन अब मास्टर प्लान में पूरे कोल फील्ड्स में खनन की तैयारी की जा रही है. इसके लिए 1485 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण होगा. बताया जा रहा है कि इसके लिए इस क्षेत्र में करीब 20 हजार मकानों को तोड़ा जाएगा.