पटना
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार की राजनीति में एंट्री को लेकर विवाद तेज हो गया है। पटना में उनके पोस्टर नजर आने के बाद राजनीतिक हलकों में चर्चाएं तेज हो गई हैं, लेकिन अब तक JDU की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। इस बीच, जेडीयू के भीतर से ही निशांत के विरोध की आवाज उठी है। जेडीयू के वरिष्ठ नेता और एमएलसी भगवान सिंह कुशवाहा ने इस मुद्दे पर कड़ी आपत्ति जताई है और इसे वंशवाद से जोड़ा है।
‘निशांत की एंट्री हुई तो नीतीश और लालू में फर्क क्या रहेगा’
पटना में JDU कार्यालय के बाहर निशांत कुमार के समर्थन में पोस्टर लगाए गए हैं, जिससे उनके राजनीति में सक्रिय होने की अटकलें तेज हो गई हैं। हालांकि, पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने अब तक इस पर चुप्पी साध रखी है। वरिष्ठ नेता भगवान सिंह कुशवाहा ने सवाल उठाते हुए कहा कि अगर निशांत राजनीति में आते हैं तो नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव में क्या फर्क रहेगा? उन्होंने आगे कहा, जहां तक बात निशांत को लेकर लगे पोस्टर की है तो वह कोई आधिकारिक पोस्टर नहीं है।
JDU नेतृत्व की चुप्पी पर उठे सवाल
भगवान सिंह कुशवाहा ने कहा कि JDU में सभी बड़े फैसले नीतीश कुमार ही लेते हैं, लेकिन अब तक उन्होंने या पार्टी के किसी अन्य वरिष्ठ नेता ने निशांत की राजनीति में एंट्री पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। उनका कहना है कि जब तक नीतीश कुमार, संजय झा या विजय चौधरी जैसे बड़े नेता इस पर कुछ नहीं कहते, तब तक यह साफ नहीं हो सकता कि पार्टी का रुख क्या होगा।
क्या वंशवाद की राजनीति करेंगी जेडीयू?
भगवान सिंह कुशवाहा के बयान के बाद JDU में वंशवाद को लेकर बहस छिड़ गई है। पार्टी के अंदर ही इस मुद्दे पर मतभेद नजर आ रहे हैं। सवाल उठता है कि क्या JDU पारिवारिक राजनीति को अपनाएगी या इससे दूरी बनाए रखेगी? अभी तक नीतीश कुमार की इस मुद्दे पर चुप्पी बनी हुई है, जिससे अटकलें और तेज हो गई हैं। आने वाले दिनों में पार्टी का आधिकारिक रुख सामने आने की संभावना है।