नई दिल्ली,
औरंगजेब को लेकर विवाद के बीच आरएसएस के प्रवक्ता सुनील आंबेकर का बयान आया है. आंबेकर ने कहा कि यह मसला आज प्रासंगिक नहीं है. उन्होंने कहा, किसी भी प्रकार की हिंसा समाज के लिए ठीक नहीं है.दरअसल, सुनील आंबेकर से सवाल किया गया था कि क्या औरंगजेब आज प्रासंगिक है? और क्या कब्र को हटा दिया जाना चाहिए. इस सवाल पर आंबेकर ने दोटूक जवाब दिया है. उन्होंने औरंगजेब को अप्रासंगिक बताया है.
आरएसएस के प्रवक्ता आंबेकर का कहना था कि मुगल बादशाह आज के समय में प्रासंगिक नहीं है. ना ही किसी तरह की हिंसा को प्रोत्साहित किया जा सकता है. आरएसएस का यह रुख ऐसे समय आया है, जब औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग की जा रही है और नागपुर में तनाव के बाद हिंसा देखने को मिली है.
बताते चलें कि नागपुर में 17 मार्च को उस समय हिंसा हो गई, जब अफवाह फैली कि हिंदू संगठन किसी धार्मिक चिह्न का अपमान करके उसे जला रहे हैं. दोनों पक्षों के बीच हुई हिंसा में कई वाहनों में आग लगा दी गई और कई घरों में तोड़फोड़ की गई. हिंसा में 34 पुलिसकर्मी घायल हो गए. इस मामले में पुलिस लगातार एक्शन ले रही है. अब तक 5 एफआईआर दर्ज हुई हैं. 51 लोग गिरफ्तार हुए हैं. 32 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए, इनमें 3 डीसीपी रैंक के अधिकारी थे. इलाज के बाद ज्यादातर पुलिसकर्मियों ने ड्यूटी जॉइन कर ली है. अभी भी नागपुर में 11 पुलिस थाना क्षेत्र में कर्फ्यू जारी है. नागपुर पुलिस सोशल मीडिया से फैली अफवाह की भी जांच कर रही है. सीसीटीवी खंगाले जा रहे हैं.
महाराष्ट्र के सीएम ने क्या कहा?
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को कहा कि नागपुर हिंसा पूर्व नियोजित लगती है और भीड़ ने खास घरों को निशाना बनाया है. उन्होंने आगे कहा कि फिल्म ‘छावा’ ने औरंगजेब के खिलाफ लोगों की भावनाओं को फिर से जगा दिया है. उन्होंने कहा, उसके (फिल्म के) बाद लोगों की भावनाएं फिर से भड़क उठी हैं. औरंगजेब के खिलाफ गुस्सा बड़े पैमाने पर प्रदर्शित हो रहा है. फडणवीस ने कहा कि भीड़ ने कुछ खास घरों और प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया. यह (हमला) पूर्व नियोजित लगता है. ऐसा लगता है कि कुछ लोगों ने पहले से ही योजना बना रखी थी.
फडणवीस ने दिया घटना का पूरा ब्यौरा
फडणवीस ने घटनाक्रम का ब्यौरा दिया और बताया कि सोमवार सुबह 11.30 बजे विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने शहर के महल इलाके में औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने घास से एक प्रतीकात्मक कब्र भी बनाई और उसमें आग लगा दी. दोपहर में गणेश पेठ पुलिस थाने में कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और उनके खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य करने से संबंधित धारा लगाई गई.
शाम तक यह अफवाह फैल गई कि जिस प्रतीकात्मक कब्र में आग लगाई गई है, उसमें कुछ धार्मिक सामग्री रखी थी. इसके बाद 200-300 लोगों ने नारेबाजी शुरू कर दी और हिंसा करने की धमकी दी, जिसके बाद पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया. फडणवीस ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को गणेश पेठ पुलिस स्टेशन आने के लिए भी कहा गया, क्योंकि वे विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज कराना चाहते थे.
उन्होंने कहा, जब पुलिस की कार्रवाई चल रही थी, तब हंसपुरी में 200-300 लोगों ने पथराव किया. उनके चेहरे मास्क से ढके हुए थे. कुछ लोगों पर धारदार हथियारों से हमला किया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि तीसरी घटना शाम 7.30 बजे भालदारपुरा में हुई, जहां 80 से 100 लोगों की भीड़ ने पुलिस पर हमला किया.