बगहा,
बिहार के बगहा जिले के भितहा प्रखंड में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां दो सगी बहनों के बीच टीचर की नौकरी को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. आरोप है कि बड़ी बहन मुन्नी गुप्ता ने अपनी छोटी बहन अनीता गुप्ता के शैक्षणिक प्रमाण पत्र का फर्जीवाड़ा कर नौकरी हासिल कर ली. यह मामला उजागर होने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है और जांच शुरू कर दी गई है.
कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?
पीड़िता अनीता गुप्ता का आरोप है कि उसकी बड़ी बहन मुन्नी गुप्ता ने 2006 में उसे टीचर की नौकरी दिलाने के नाम पर शैक्षणिक दस्तावेज लिए और फिर खुद ही उन प्रमाण पत्रों का इस्तेमाल कर भगवानपुर प्राथमिक विद्यालय में टीचर की नौकरी पा ली. चौंकाने वाली बात यह है कि आज भी मुन्नी, अनीता के नाम से नौकरी कर रही है. वहीं, मुन्नी गुप्ता खुद को असली अनीता गुप्ता बता रही है. उसका दावा है कि वह असली अनीता है और आरोप लगाने वाली महिला से उसका कोई संबंध नहीं.
मायके के दस्तावेजों से खुला राज
इस फर्जीवाड़े का पर्दाफाश तब हुआ जब दोनों बहनों के मायके के दस्तावेजों की जांच की गई. पड़रौना ब्लॉक से जारी परिवारिक सूची में स्वर्गीय बैजनाथ गुप्ता की चार बेटियाों में मुन्नी गुप्ता, अनीता गुप्ता, कुसुम और किरण का नाम दर्ज है. इसके अलावा राशन कार्ड, आधार कार्ड और मतदाता सूची में भी अनीता गुप्ता का नाम स्पष्ट रूप से दर्ज है. अनीता का कहना है कि उसने 2002 में मैट्रिक और 2004 में इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की थी, जबकि मुन्नी गुप्ता 10वीं में फेल होने के बाद पढ़ाई छोड़ चुकी थी. ऐसे में सवाल उठता है कि मुन्नी के पास टीचर बनने के लिए आवश्यक प्रमाण पत्र कहां से आया?
कैसे हुई नियुक्ति?
शुरुआती जांच के अनुसार, नियोजन प्रक्रिया में गड़बड़ी का फायदा उठाकर मुन्नी गुप्ता ने अपने पति शिव प्रसाद के मतदाता सूची का उपयोग कर निवास और जाति प्रमाण पत्र बनवा लिया. उस समय पति के दस्तावेजों के आधार पर पत्नी को प्रमाण पत्र मिल जाता था. इसी का फायदा उठाते हुए मुन्नी ने छोटी बहन अनीता के शैक्षणिक प्रमाण पत्र पर नौकरी हासिल कर ली.
शिक्षा विभाग का क्या कहना है?
भितहा के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी (BEO) कृष्णनंदन राय ने बताया कि अनीता गुप्ता ने आवेदन देकर अपनी बहन पर फर्जीवाड़े का आरोप लगाया है. इस मामले में विद्यालय से दस्तावेज मांगे गए हैं और वरीय अधिकारियों को रिपोर्ट भेजी गई है. फिलहाल, मामले की जांच जारी है. अगर जांच में आरोप सही पाए जाते हैं, तो मुन्नी गुप्ता के खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई की जाएगी और उसकी नौकरी भी रद्द हो सकती है.