14.8 C
London
Sunday, September 14, 2025
Homeभोपालएमपी के जनजातीय कार्य विभाग में दूसरा महाघोटाला, फर्जी गेस्ट टीचरों के...

एमपी के जनजातीय कार्य विभाग में दूसरा महाघोटाला, फर्जी गेस्ट टीचरों के नाम पर ऐसा कारनामा, चौंक जाएंगे आप

Published on

उमरिया

जिले में जनजातीय कार्य विभाग में शासकीय राशि के गबन का दूसरा बड़ा स्कैंडल सामने आया है। आदिवासी ब्लॉक पाली में जिम्मेदार अफसरों ने ऐसा कारनामा कर दिखाया है कि सुनकर आप चौंक जाएंगे। अफसरों ने फर्जी अतिथि शिक्षकों एवं मजदूरों के नाम पर अभी तक की जानकारी में दो करोड़ साठ लाख रुपए वेतन का आहरण अपने रिश्तेदारों के खातों में करा दिया।

मामले का खुलासा आयुक्त कोष एवं लेखा की निगरानी में हुआ। भोपाल में बैठे अफसरों ने पाली ब्लॉक में 24 ऐसे संदिग्ध खातों को पकड़ा है। उनकी सूची भी भेजी है। पूरा कारनामा पाली ब्लॉक में पदस्थ माध्यमिक शिक्षक रामबिहारी पाण्डेय, लिपिक अशोक कुमार धनखड़ और कंप्यूटर ऑपरेटर बालेंद्र द्विवेदी ने किया है। हालांकि बीईओ राणा प्रताप सिंह आहरण संवितरण अधिकारी हैं और उनके ही हस्ताक्षर से पूरा खेल हुआ है लेकिन अभी उनको किनारे रखा गया है और जांच चल रही है।

भोपाल से आया लेटर तो मच गया हड़कंप
जांच में विभाग के और भी अधिकारियों के नाम सामने आ सकते हैं। जिले के कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन और सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग इस मामले से अनजान बने रहे। जब भोपाल से जिले के कलेक्टर के पास पत्र आया तो आनन फानन में पाली एसडीएम अंबिकेश प्रताप सिंह की निगरानी में 4 सदस्यीय टीम गठित कर एसडीएम पाली को मामले की जांच सौंप दिया। जिसके बाद एसडीएम और सहायक कोषालय अधिकारी की टीम शनिवार को पाली स्थित जनजातीय कार्य विभाग के ब्लाक शिक्षा अधिकारी राणा प्रताप सिंह के दफ्तर पहुंची है और दस्तावेजों का परीक्षण कर मामले की जांच में जुट गई।

2018 से 2023 के बीच बड़ा खेल
एफएफआईसी अर्थात फाइनेंशियल इंटेलिजेंस टीम ने वर्ष 2018 से जनजातीय कार्य विभाग के पाली ब्लाक में चल रहे गड़बड़ी का खुलासा किया। कमेटी को 24 खातों में संदेह हुआ और उसके बाद पता चला कि ये सभी 24 खाते जिम्मेदार अफसरों के परिवार के हैं। बता दें पूरा खेल 2018 से लेकर 2023 के बीच खेला गया है। जांच के बाद इसमें गड़बड़ी की राशि और अधिक होने की संभावना जताई जा रही है।

पाली एसडीएम ने क्या कहा?
इस मामले में पाली एसडीएम अंबिकेश प्रताप सिंह ने बताया कि बीईओ पाली में आयुक्त कोष एवं लेखा ने कुछ ऐसे ही भुगतानों की जानकारी प्राप्त की और उसके बारे में जांच के लिए हम लोगों को कहा गया है। तो प्राइमा फेसी 21 संदिग्ध और 4 कुछ और संदिग्ध खातों में वित्तीय अनियमितता की जानकारी प्राप्त हुई है। इसके संबंध में जांच चल रही है। प्रथम दृष्टया आज जो सूचना मिली है, उसमें दो करोड़ 60 लाख रुपए की राशि का है और विस्तृत जांच के बाद पूरा पता चल सकेगा। वहीं जब पूछा गया कि बीईओ पाली राणा प्रताप सिंह ड्रॉइंग डिस्पर्सिंग ऑफिसर है तो वह कितने दोषी हैं तब उन्होंने कहा कि अभी इस बारे में हम कुछ नहीं कह सकते हैं। जांच होने के बाद ही पता चलेगा।

इसके पहले वाले घोटाले में नहीं हुई कार्रवाई
गौरतलब है कि जनजातीय कार्य विभाग में यह कोई पहला मामला नहीं है। इसके पूर्व स्थापना शाखा प्रभारी बाबू बिजेंद्र सिंह और तत्कालीन सहायक आयुक्त के द्वारा भी कई करोड़ का घोटाला किया गया था और जांच में सिद्ध भी हुआ था, लेकिन उन पर आज तक कोई कार्रवाई नही हुई।

Latest articles

बीएचईएल में “उद्योग में हरित ऊर्जा का उपयोग” पर प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

भोपाल।बीएचईएल, भोपाल में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से “उद्योग में हरित ऊर्जा के उपयोग”...

रुक्मणी विवाह की कथा

भोपाल lश्री सिद्ध संकटमोचन हनुमान मंदिर आजाद नगर अयोध्या नगर बाय पास में श्री...

एमएसएमई जागरूकता व वित्तीय क्षमता कार्यक्रम की सफलता

गोविंदपुरा इंडस्ट्रीज एसोसिएशनGIA हॉल में हुआ आयोजनगोविंदपुरा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (GIA) ने QistonPe — एक...

ये कैसा सिस्टम कंप्यूटर व स्मार्ट क्लास के दौर में गर्मी व उमस के बीच पढ़ने को मजबूर विद्यार्थी

बड़वाह ब्लाक में 31 स्कूल ऐसे है जहां केवल चुनाव के समय बिजली आती...

More like this

बीएचईएल में “उद्योग में हरित ऊर्जा का उपयोग” पर प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

भोपाल।बीएचईएल, भोपाल में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से “उद्योग में हरित ऊर्जा के उपयोग”...

रुक्मणी विवाह की कथा

भोपाल lश्री सिद्ध संकटमोचन हनुमान मंदिर आजाद नगर अयोध्या नगर बाय पास में श्री...

एमएसएमई जागरूकता व वित्तीय क्षमता कार्यक्रम की सफलता

गोविंदपुरा इंडस्ट्रीज एसोसिएशनGIA हॉल में हुआ आयोजनगोविंदपुरा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (GIA) ने QistonPe — एक...