पटना,
बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. इसे लेकर सीएम आवास पर NDA के शीर्ष नेताओं की बैठक हुई, जिसमें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ सभी घटक दलों के नेताओं ने भाग लिया. सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में घटक दलों ने अपनी दावे वाली सीटों की लिस्ट बंद लिफाफे में सौंपी.
अब बीजेपी इन दावे वाली सीटों को लेकर अपने स्तर से काम करेगी. बीजेपी देखेगी कि जमीनी स्तर पर घटक दल जिन सीटों पर अपना उम्मीदवार देना चाहते हैं, उसकी वास्तविक स्थिति क्या है. एनडीए में सीट बंटवारे के पहले ये महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.
बता दें कि किसी भी घटक दल के नेता को दूसरे सहयोगी दल की तरफ से दावा किए जाने वाली सीट की जानकारी नहीं दी गई है. इस बैठक का एजेंडा पहले से तय था. सभी दलों के नेता अपने साथ दावे वाली सीटों की लिस्ट लेकर आए थे.
बैठक में NDA की जीत का संकल्प
अमित शाह की मौजूदगी में NDA की एकजुटता और जीत के संकल्प को दोहराया गया. बैठक की औपचारिकता पूरी करने के बाद अमित शाह सीएम आवास से रवाना हो गए. अब बीजेपी घटक दलों के दावे वाली सीटों पर मंथन करेगी और जल्द ही सीट बंटवारे पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा.
सीएम नीतीश के आवास पर हुई बैठक
सीएम नीतीश कुमार के आवास पर हुई एनडीए की बैठक पर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि ये राज्य के लिए चुनावी साल है. बैठक में कई बातों पर चर्चा हुई. केंद्र सरकार और राज्य सरकार के विकास कार्यों को जनता के सामने कैसे पेश किया जाए, विपक्ष से कैसे निपटा जाए. इन सभी बातों पर चर्चा हुई.
गोपालगंज में रैली को किया संबोधित
इससे पहले अमित शाह ने एक समारोह में नीतीश कुमार के साथ मंच शेयर किया था, जहां 8000 करोड़ रुपये से अधिक की केंद्रीय और राज्य परियोजनाओं का शुभारंभ किया गया था. अमित शाह गोपालगंज में भाजपा की एक रैली को संबोधित करने के बाद सीएम आवास पर पहुंचे.
चिराग बोले- मीटिंग जल्दी खत्म हो गई
पीटीआई के मुताबिक केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने बैठक के बाद पत्रकारों से संक्षिप्त बातचीत की. हाजीपुर के सांसद ने कहा कि चर्चा इस बात पर केंद्रित थी कि चुनावों से पहले गठबंधन को कैसे मजबूत किया जाए. उन्होंने जोर देकर कहा कि यह मीटिंग जल्दी खत्म हो गई क्योंकि एजेंडे में कोई कांटेदार मुद्दे नहीं थे.
बैठक में ये नेता रहे मौजूद
राज्य के मंत्रियों सहित जेडीयू और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के अलावा बैठक में केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी और राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा ने हिस्सा लिया. हालांकि नीतीश कुमार पिछले दो दशकों से बिहार में एनडीए का चेहरा रहे हैं, लेकिन अटकलें लगाई जा रही हैं कि भाजपा इस बार अपने फैसले पर पुनर्विचार कर सकती है.