चेन्नै
अगर 2026 के विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी और एआईएडीएमके बीच गठबंधन हुआ तो तेजतर्रार नेता के. अन्नामलाई को तमिलनाडु बीजेपी के अध्यक्ष पद छोड़ना पड़ सकता है। अन्नामलाई ऐसा युवा तेजतर्रार नेता हैं, जिनकी पीठ पीएम मोदी ने सार्वजनिक तौर पर मंच पर ठोकी थी। अन्नामलाई पिछले दो साल से सीधे तौर पर डीएमके के साथ मुकाबले में खड़े थे। उनके तेवर के कारण ही 2023 में एआआईएडीएमके ने बीजेपी से नाता तोड़ लिया था। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, के. अन्नामलाई की विदाई सजा के तौर पर नहीं बल्कि तमिलनाडु के जाति समीकरणों के कारण होगी। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, अन्नामलाई को दिल्ली में अमित शाह ने इस फैसले के बारे में जानकारी दे दी है। इसके बाद अन्नामलाई ने कहा कि वह पार्टी के फैसले का सम्मान करेंगे और तमिलनाडु में बीजेपी की तरक्की के लिए काम करते रहेंगे।
जाति समीकरणों के कारण जाएगी अन्ना की कुर्सी
तमिलनाडु में बीजेपी और एआईएडीएमके के बीच चुनावी गठबंधन की संभावना के बीच राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। अगर बीजेपी-एआईएडीएमके 2026 का राज्य चुनाव साथ में लड़ती हैं, दोनों पार्टी के प्रमुख नेता अन्नामलाई और पलानीस्वामी एक ही जाति गोंडर समुदाय से हो जाएंगे। दोनों नेता पश्चिमी कोंगु क्षेत्र से ही हैं, जहां गोंडर जाति का दबदबा है। बीजेपी का मानना है कि ऐसी स्थिति में पार्टी राज्य की दूसरी प्रभावशाली जाति थेवर समुदाय को पार्टी की कमान सौंपा जा सकता है। अगर ऐसा हुआ तो तमिलनाडु में बीजेपी को नई पहचान दिलाने वाले अन्नामलाई को प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़ना पड़ेगा। अन्नामलाई तमिलनाडु में अग्रेसिव पॉलिटिक्स के लिए जाने जाते हैं।
अमित शाह ने अन्नामलाई को बता दिया फैसला
पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में अन्नामलाई के साथ इस बदलाव पर चर्चा की थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अमित शाह उन्हें भरोसा दिया कि पार्टी उनके बेहतर भविष्य के लिए प्रतिबद्ध है। इस बदलाव के बाद भी अन्नामलाई तमिलनाडु की राजनीति में बड़ी भूमिका निभाते रहेंगे। अन्नामलाई ने पार्टी नेतृत्व को भरोसा दिया कि उनके मन में पार्टी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को लेकर कोई दूसरा विचार नहीं है और वह एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में भी काम करने को तैयार हैं। हालांकि कोयंबटूर में जब अन्नामलाई से एआईएडीएमके से गठबंधन के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने जवाब देने से इनकार कर दिया। उन्होंने नपे-तुले लहजे में बताया कि इस बारे में गृह मंत्री अमित शाह ने अपनी राय रखी थी, उसे आप बीजेपी का नजरिया मान सकते हैं।
थेवर समुदाय के नागेंद्रन को मिल सकती है कमान
रिपोर्टस के मुताबिक, बीजेपी बीजेपी विधायक नैनार नागेंद्रन को तमिलनाडु प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंप सकती है, जो थेवर समुदाय से हैं। नैनार नागेंद्रन तिरुनेलवेली के एक लोकप्रिय नेता हैं। वह पहले एआईएडीएमके में थे। जयललिता के शासन में थेवर समुदाय के वोट एआईएडीएमके के कट्टर समर्थक माने जाते थे। जयललिता की सहयोगी वी. के. शशिकला भी थेवर समुदाय से थीं। दक्षिणी तमिलनाडु में थेवर जाति जीत-हार का फैसला करती है। बीजेपी का मानना है कि नागेंद्रन को प्रदेश अध्यक्ष बनाने से पार्टी को दक्षिणी जिलों में अपनी पकड़ मजबूत करने में मदद मिलेगी।
अन्नामलाई ने बताया, कैसे मिलेगी बीजेपी को जीत
इस बीच अन्नामलाई ने दावा किया है कि बीजेपी अब तमिलनाडु में एआईएडीएमके से ज्यादा मजबूत पार्टी बन गई है। 234 विधानसभाओं में से बीजेपी की 114 सीटों पर मजबूत पकड़ है। उनका कहना है कि पश्चिम तमिलनाडु की 54 और दक्षिण तमिलनाडु की 60 विधानसभा सीटों पर बीजेपी का प्रभाव है। उन्होंने कहा कि एआईएडीएमके पश्चिमी तमिलनाडु में बीजेपी को नजरअंदाज नहीं कर सकती है। उन्होंने बताया कि 150 सीटें हासिल करने के लिए पार्टी को राज्य के तीन हिस्सों में क्लीन स्वीप करना होगा।
अन्नामलाई ने कहा कि उनका एकमात्र लक्ष्य राज्य में बीजेपी की दीर्घकालिक वृद्धि है। उन्होंने कहा कि मैं सत्ता के लिए राजनीति में नहीं आया, मैं तमिलनाडु की राजनीति में बदलाव लाने आया हूं। पलानीस्वामी की अमित शाह के साथ बैठक पर अन्नामलाई ने कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं था। बीजेपी नेताओं को किसी भी पार्टी नेता से गुप्त रूप से मिलने की कोई आवश्यकता नहीं है।